सुप्रसिद्ध अधिवक्ता उज्ज्वल निकम : मुंबई के कानूनी चौकीदार !

मुंबई पर जितने भी आतंकी आक्रमण हुए, चाहे वह दाऊद के मेमन गिरोह के द्वारा किया गया बम विस्फोट का आक्रमण हो या १० पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा मुंबई पर किया गया आक्रमण, इन अभियोगों में आरोपियों को दंड तक ले जाने के लिए अथक परिश्रम उठानेवाले अधिवक्ता के रूप में उज्ज्वल निकम की पहचान है ।

‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’ एवं काशी-मथुरा मुक्ति आंदोलन !

हिन्दुओं की आवाज दबानेवाला ‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’, इस काले कानून को रद्द करने के लिए हिन्दुओं को संगठित होकर केंद्र सरकार से मांग करनी पडेगी ।

बंगाल में सी.ए.ए., एन.आर.सी. और समान नागरिक कानून लागू नहीं करेंगे ! – ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, बंगाल

संसद द्वारा पारित कानूनों को लागू नहीं होने देंगी ! यह रहने वाली ममता बनर्जी लोकतंत्रद्रोही हैं। केंद्र सरकार को ऐसे मुख्यमंत्री की सरकार को तत्काल भंग कर वहां राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए !

US On Khalistani Pannu : अमेरिका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होने के कारण आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू पर कार्रवाई नहीं हो सकती! – अमेरिका

अमेरिका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित है। हम अपने कानूनों के अनुसार ही किसी भी आरोपी को दूसरे देश में प्रत्यर्पित करते हैं।

Afghanistan Sharia Law : अफगानिस्तान में व्यभिचारी महिलाओं को पत्थर से कुचलकर दिया जाएगा मृत्युदंड !

तालिबान सरकार पुरुषों को भी ऐसा दंड क्यों नहीं देती ?

Karnataka Temple Tax Bill : मंदिरों पर १० प्रतिशत कर (राजस्व) लगानेवाले विधेयक को राज्यपाल ने ‘पक्षपाती’ कहते हुए सरकार को वापस भेजा !

‘इस कानून की अनेक धाराएं पक्षपात करनेवाली हैं’, ऐसा कहते हुए राज्यापाल ने यह विधेयक सरकार को वापस भेज दिया है ।

Uday Mahurkar Regulation Code OTT : अश्लील वीडियो बनाने वालों को २० वर्षों का दंड देने वाला कानून बनाएं !

कानून का उल्लंघन करने वालों पर बलात्कार तथा राष्ट्रविरोधी कृत्यों का समर्थन करने का आरोप लगाने का प्रावधान किया जाना चाहिए । ऐसे प्रकरणों की ३ महीने के भीतर सुनवाई होने के साथ १० से २० वर्षों की कैद होनी चाहिए तथा पहले ३ वर्ष में जमानत नहीं होनी चाहिए ।

Allahabad HC Hindu Marriage Act : प्रेमविवाह के कारण बढ रहे विवाद से हिन्दू विवाह कानून में परिवर्तन करना चाहिए ! – इलाहाबाद उच्च न्यायालय

धर्मशास्त्र कहता है कि प्रेमविवाह हो अथवा प्रथागत विवाह किया गया हो, प्रारब्ध के अनुसार जो भोग भोगने हैं, वे भोगने ही पडते हैं । उसमें भी प्रेमविवाह करते समय जन्मकुंडली देखना, एकदूसरे के गुण-दोष ध्यान में रखना, समझौता  करने की मानसिकता बनाना आदि बातों का भी विचार होना आवश्यक है  !

Assam Muslim Child Marriage : मेरे जीते जी असम में बालविवाह नहीं होने दूंगा !

असम की विधानसभा में ‘मुसलमान विवाह एवं विवाह-विच्छेद कानून १९३५’ रद्द करने पर प्रश्‍न उपस्थित करनेवाले कांग्रेस नेताओं को आडे हाथ लिया ।