वाशिंगटन (अमेरिका) – अमेरिका में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सुरक्षित है। हम अपने कानूनों के अनुसार ही किसी भी आरोपी को दूसरे देश में प्रत्यर्पित करते हैं। भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने ए.एन.आई. को बताया, यदि किसी को मात्र चर्चा करने के लिए बंदी बनाया जाने लगा, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाएगी और धोखा दायक हो जाएगी।यह उन्होंने इस समाचार वाहिनी को दिए एक साक्षात्कार कहा । (खालिस्तानी आतंकवादी भारतीय नेताओं को प्राणहानी की धमकी दे रहे हैं। आप यह कैसे कह सकते हैं कि अमेरिका को यह नहीं दिखता कि भारत की संप्रभुता पर आक्रमण किया जा रहा है? – संपादक) ‘पन्नू आए दिन भारत को धमकी देता है। उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही, इस प्रश्न पर उन्होंने उपरोक्त उत्तर दिया।
सौजन्य: ANI News
१. गार्सेटी ने कहा कि कई लोग कहते हैं कि हम ऐसे लोगों (पन्नू) को बंदी क्यों नहीं बनाते ? इसका उत्तर यह है कि अमेरिकी न्याय व्यवस्था कुछ भिन्न है। मैं राजदूत हूं और नियम नहीं बदल सकता। कभी-कभी हमें भी कष्ट होता है। मैं एक यहूदी हूं, और मेरे ही नगर में प्राय: यहूदियों के संबंध में अनर्गल बोला जाता है; किन्तु हम उन लोगों को बंदी नहीं बना सकते । यदि वे हिंसा करते हैं तो कानून के अनुसार कार्रवाई की जाती है।
२. किसी को भी लक्ष्मण रेखा नहीं लांघनी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि भारत और अमेरिका संयुक्त रूप से खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने के षड्यंत्र की जांच कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी देश या सरकारी कर्मचारी को विदेशी नागरिक की हत्या के षड्यंत्र में लिप्त नहीं होना चाहिए। गार्सेटी ने कहा, ”मुझे बहुत प्रसन्नता है कि भारत हमारे साथ इस प्रकरण की जांच कर रहा है। हम जानना चाहते हैं कि क्या हत्या की सुपारी किसी को दी गयी थी। अब तक हमने भारत से जो भी सहयोग मांगा है वह हमें मिला है’ और हमने भी सहयोग दिया है।
३. एक प्रश्न के उत्तर में गार्सेटी ने स्वीकार किया कि भारत और अमेरिका अनेक बिंदुओऺ पर भिन्न विचार करते हैं।
(और गार्सेटी की सुनिए… ) नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) कानून की कार्यवाही कैसी होगी? इस पर दृष्टि रहेगी! – अमेरिका का पुनरुच्चार
भारत के नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के संबंध में गार्सेटी ने कहा, ”कभी-कभी असहमति के लिए भी सहमति की आवश्यकता होती है। यह कानून कैसे काम करता है? हम उस पर दृष्टि रखेंगे।’ यह देखते हुए कि भारत ने अतीत में अमेरिकी नीति की आलोचना की है, गार्सेटी ने कहा कि एक सशक्त लोकतंत्र के लिए धार्मिक स्वतंत्रता आवश्यक है और कभी-कभी इसके संबंध में विचार भिन्न होसकते हैं । दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध हैं। कई बार असहमति होती है; किन्तु इसका हमारे संबंध पर कोई परिणाम नहीं होता ।’ हमारे देश (अमेरिका) में अनेक त्रुटियां हैं और हम आलोचना सहन करते हैं।
"It’s the job of monitoring…" U.S. Envoy Eric Garcetti defends his stance on CAA#ANIPodcastwithSmitaPrakash #CAA #IndiaUS #EricGarcetti
Watch Full Episode Here: https://t.co/Kt3cOdWMX4 pic.twitter.com/alM9SSVq2r
— ANI (@ANI) April 1, 2024
संपादकीय भूमिका
|