Uday Mahurkar Regulation Code OTT : अश्लील वीडियो बनाने वालों को २० वर्षों का दंड देने वाला कानून बनाएं !

पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर की केंद्र सरकार से मांग !

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने महिलाओं को यौन रूप से चित्रित करने वाले कुछ ओटीटी पर प्रतिबंध लगा दिया है । मेरा मानना ​​है कि यह निर्णय भगवान श्रीराम के सिद्धांतों तथा आदर्शों पर आधारित है । यह एक महत्वपूर्ण समस्या है तथा इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए यह कार्यवाही करने के लिए मैं प्रधानमंत्री तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री का अभिनंदन करता हूं । ऐसे वीडियो प्रसारित करने वाले माध्यमों पर (मीडिया पर) अंकुश लगाया जाना चाहिए । उनके चित्रीकरण (फिल्मांकन), विषयवस्तु, प्रयुक्त भाषा आदि को विनियमित किया जाना चाहिए । इसके लिए एक सक्षम कानून बनाया जाना चाहिए ।’ इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर बलात्कार तथा राष्ट्रविरोधी कृत्यों का समर्थन करने का आरोप लगाने का प्रावधान किया जाना चाहिए । ऐसे प्रकरणों की ३ महीने के भीतर सुनवाई होने के साथ १० से २० वर्षों की कैद होनी चाहिए तथा पहले ३ वर्ष में जमानत नहीं होनी चाहिए । ऐसा स्पष्ट मत पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त एवं ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ के संस्थापक उदय माहूरकर ने व्यक्त किया ।

श्री. माहुरकर ने एक समाचार वाहिनी (चैनल) के साथ हुए चर्चासत्र में उपरोक्त महत्वपूर्ण मांग की । कुछ दिन पहले केंद्र सरकार ने बडा कदम उठाते हुए अश्लीलता फैलाने वाले १८ ओटीटी फोरम, १९ वेबसाइट तथा १० एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था । उसी विषय पर श्री. माहूरकर ने उपरोक्त कथन किया । ओटीटी का अर्थ है ‘ओवर द टॉप’ । इन एप्स के माध्यम से चित्रपट (फिल्में), धारावाहिक (सीरियल) आदि कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं ।

श्री. माहूरकर ने आगे कहा कि,

श्री. माहूरकर

१. बलात्कार के प्रकरणों में वृद्धि होने के लिए ऐसे अश्लील चित्रपट (वीडियो) उत्तरदायी हैं । ऐसी विकृति देखकर लोग भयानक कृत्य कर रहे हैं ।’ यह भारत की एक गंभीर समस्या है तथापि इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।

२. इस विकृति को प्रोत्साहित करने के लिए बडे-बडे दबाव समूह कार्य कर रहे हैं एवं इन कुटिल उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु बहुत धन भी व्यय कर रहे हैं ।

३. वर्ष २०४७ में विकसित भारत का स्वप्न सभी को ज्ञात है । हम आर्थिक, सैन्य तथा वैज्ञानिक रूप से महाशक्ति बनना चाहते हैं । क्या हम भी एक समृद्ध और विविध संस्कृति वाला देश बनना चाहते हैं ? यदि भारत को विश्व गुरु बनना है तो हमारी संस्कृति के लिए हानिकारक अश्लीलता को रोकना होगा। अभी की गई कार्यवाही इस दिशा में उठाया गया एक प्रशंसनीय चरण है ।

४. हमारी संस्था हर स्तर पर इस सूत्र के बारे में जागरूकता निर्माण करने का कार्य कर रही है । हम विभिन्न महाविद्यालयों में इस पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं तथा इसके साथ ही अच्छे संगठनों की सहायता भी ले रहे हैं । हमें गुजरात सरकार से भी अच्छा सहयोग प्राप्त हो रहा है ।

५. हमने दो ध्येय पर ध्यान केंद्रित किया है । इस समस्या हेतु वैधानिक स्तर पर प्रयास करना, साथ ही इसके विरुद्ध जनजागरण करना ! मैं गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं । मुझे आशा है कि हमें इस अभियान में निश्चित ही सफलता प्राप्त होगी ।

अश्लीलता पर अंकुश लगाने के लिए एक सक्षम नियामक सरकारी निकाय की स्थापना करें !

श्री. माहूरकर ने केंद्र सरकार से २ अन्य मांगें भी कीं । उन्होंने कहा कि सरकार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिनियम में अतिरिक्त प्रावधान करना चाहिए । इसमें वयस्क सामग्री (श्रव्य-दृश्य सामग्री) देखने के लिए व्यक्ति के ‘आधार कार्ड’ की जांच करने की एक विश्वसनीय प्रणाली होनी चाहिए । इससे लोगों में अश्लील वीडियो देखने की प्रवृत्ति कम हो सकती है ।

इसके साथ ही एक सक्षम नियामक सरकारी संस्था की स्थापना की जानी चाहिए, जो ऐसे अश्लील चित्रण के उत्पादन और प्रसार को रोकने के लिए समर्पित हो । इससे संबंधित निवेदन हम पहले ही कानून मंत्रालय को सौंप चुके हैं ।’