(ये कहते हैं) ‘इसके साक्ष्य दें कि केरल में ३२ सहस्त्र महिलाओं ने इस्लाम स्वीकार किया है तथा एक करोड रुपए पाए !’

कश्मीर में लाखों कश्मीरी हिन्दुओं के जातीय विभाजन पर एक शब्द भी न बोलने वाले थरूर की यह दिखावटी धर्म-निरपेक्षता क्यों ?

(इनकी सुनिए, कहते हैं) ‘संघ परिवार के राजकीय लाभ के लिए बनाया गया है ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र !’ – केरल के मुख्यमंत्री विजयन्

केरल की ‘लव जिहाद’में फंसी हिन्दू एवं ईसाई लडकियां सीरिया जैसे देश पहुंच गईं, यह वास्तविकता है । तब भी उसे झूठा ठहरानेवाले एक राज्य के मुख्यमंत्री, लोकतंत्र की अपकीर्ति कर रहे हैं !

(इनकी सुनिए ) ‘लडकियों को हिजाब पहन कर अकेले ही पाठशाला तथा महाविद्यालय न भेजें !’

क्या महिला संगठन, महिला आयोग तथा निधर्मी राजनीतिक पार्टियों को यह स्वीकार है ? यदि नहीं, तो क्या वे इसका विरोध करेंगे ?

नाइजीरिया में इस्लामी आतंकियों द्वारा एक सप्ताह में १३४ ईसाईयों की हत्या !

‘आतंकियों का धर्म नहीं होता’, सदैव ऐसा बकवास करनेवालों को इस संबंध में क्या कहना है ?

अमेरिका की मस्जिद में मुसलमान युवक ने इमाम को चाकू घोंपा !

इस समय सेरिफ जोरबा ने ‘इमाम सैय्यद ऐल्नाकिब द्वारा इस्लाम के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठने के कारण मैंने यह काम किया । मुझे इमाम को उसके घर में घुसकर मारना था । उसने इस्लाम का अपमान किया है, ऐसा आरोप लगाया ।

(और इनकी सुनिए…) ‘भारत में मुसलमानों को जानबूझकर लक्ष्य किया जा रहा है !’ – ओ.आई.सी.

ओ.आई.सी. का वक्तव्य कट्टर मानसिकता का उदाहरण है ! – भारत ने लगाई फटकार !

असम में ६०० मदरसे बंद किए एवं अन्य सभी बंद करने का मानस !

यदि असम के मुख्य मंत्री ऐसा कर सकते हैं, तो अन्य राज्यों के मुख्य मंत्री क्यों नहीं  ?

गजवा-ए-हिन्द या हिन्दू राष्ट्र ?

केंद्रशासन ने अभी अभी ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ अर्थात ‘पी.एफ.आइ.’ पर प्रतिबंध लगाया । इस संगठन का राजकीय पक्ष ‘सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया’ पर भी (‘एस.डी.पी.आइ.’ पर भी) कार्यवाही होने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।

विएना (ऑस्ट्रिया) यहां चर्च पर इस्लामी कट्टरतावादियों के आक्रमणों का संकट !

पूरा विश्व ही आतंकवादी संकट के साये में है ! अत: संबंधित सभी देशों को एकत्रित होकर इसके विरुद्ध लडना चाहिए !

होली की शुभकामनाएं देनवाले पाकिस्तानी मुसलमान क्रिकेट खिलाडी का मुसलमानों द्वारा विरोध !

इस टिप्पणी के विरोध में भारत के धर्मनिरपेक्षतावादी, सर्वधर्मसमभाववाले, आधुनिक मुसलमान, उनके नेता, संगठन क्यों नहीं बोलते , क्या उन्हें भी ऐसा ही लगता है ?