धर्मान्तरित दलित ईसाइयों और मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देनाचाहिए या नहीं, इस पर होगा चिंतन ?

ईसाई और इस्लाम धर्म अपना चुके अनुसूचित जाति के लोगों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए या नहीं ? इस विषय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘विश्व संवाद केंद्र’ विभाग ने दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया है ।

‘ॐ’ और ‘अल्ला’ एक ही हैं, तो काबा मस्जिद पर ॐ लिखें !

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की मौलाना अर्शद मदनी को चुनौती !

(और इनकी सुनिए…) ‘एक दिन सभी सिखों को मुसलमान बनाएंगे !’- मौलाना मोहम्मद सुलेमान

इस विषय पर खालिस्तानवादी मौन क्यों ? पाकिस्तान की सहायता से भारत में खालिस्तानी कार्यवाहियां करने वाले खालिस्तानवादियों को धर्मांध मुसलमान अधिक समीप के लगते हैं क्या ?

जिन्हें सिखों के प्रति प्रेम लगता है, ऐसे मुसलमान अमृतसर को चलते बनें !

इस वक्तव्य पर खालिस्तानी चुप क्यों ?

दारुल उलूम देवबंद शिक्षा संस्था ने दाढी साफ करने के कारण ४ विद्यार्थियों को निकाल दिया !

‘जो विद्यार्थी पढने के लिए आए हैं वे दाढी न साफ करें । जो विद्यार्थी दाढी साफ करेगा, उसे निकाल दिया जाएगा । जो विद्यार्थी बिना दाढी के प्रवेश लेने आएगा, उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा ।’ दाढी साफ किए गए ४ विद्यार्थियों को निकालने के उपरांत यह आदेश निकाला गया है ।

अभिनेत्री स्वरा भास्कर एवं फहद का विवाह अवैध – मौलाना शहाबुद्दीन

बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने प्रतिपादन किया है कि अभिनेत्री स्वरा भास्कर एवं समाजवादी पार्टी के नेता फहद का विवाह अवैध है । उन्होंने आगे कहा, ‘शरीयत-ए-एलामिया’ के अनुसार इस्लाम स्वीकार न करनेवाली गैर मुसलमान लडकी का मुसलमान लडके से हुआ विवाह वैध नहीं माना जाता ।

‘नमाजपठन करो और आतंकवादी बनो’, यही है इस्लाम का अर्थ ! – योगऋषि रामदेवबाबा

योगऋषि रामदेवबाबा ने वक्तव्य किया, ‘इस्लाम का अर्थ है, केवल नमाजपठन करना । इस्लाम में ५ बार नमाजपठन करने से कुछ भी कर सकते हो; फिर चाहे हिन्दू लडकियों को भगा ले जाओ अथवा आतंकवादी बनकर मन में जो आए, सो करो ।

पैगंबर मुहम्मद एवं ईसा के पूर्वज सनातनी हिन्दू !

ईसाई धर्म की स्थापना २ सहस्त्र वर्षों पूर्व हुई थी, जबकि इस्लाम की स्थापना १ सहस्त्र ४०० वर्ष पूर्व हुई थी । क्योंकि सनातन धर्म पृथ्वी की उत्पत्ति से अर्थात लाखों वर्षों से अस्तित्व में है, इसी के आधार पर पू. शंकराचार्य ने ऐसा कहा होगा !

जमियत के नेता मौलाना मदनी का दावा, ‘अल्लाह एवं ॐ एक ही हैं’ !

मौलाना मदनी का भाषण चलते समय ही जैन मुनि लोकेश ने उनके वक्तव्य पर तीव्र आपत्ति दर्शाई है । ‘यह अधिवेशन लोगों को जोडने के लिए आयोजित किया गया है । इसलिए ऐसे वक्तव्य की कोई भी उपयुक्तता नहीं है’, ऐसा कहते हुए वे मंच से नीचे उतर गए उनके साथ अन्य धर्मों के संत भी मंच से नीचे उतर आए ।

(और इनकी सुनिए…) ‘इस्लाम भारत के बाहर से नहीं आया !’ – महमूद मदनी, जमीयत-उलेमा-ए-हिंद

क्या कभी कोई इस पर विश्वास करेगा ? इस तरह के वक्तव्य देकर देश को भ्रमित करने का प्रयत्न किया जा रहा है । यह कहने का प्रयास है कि ‘भारत इस्लामवादियों का देश है’, किन्तु भारत के विकास में ऐसे कितने इस्लामवादी सहभागी हैं और भारत में अराजकता और अन्य आपराधिक गतिविधियों में वे कितने लिप्त  हैं, इस पर चर्चा करने की आवश्यकता है !