अमेरिका में हिंदू मंदिर निर्माण रोकने के लिए बदले गए नियम !
इससे फिर से सिद्ध होता है कि अमेरिका भारत का मित्र नहीं हो सकता। भारतीयों को सदैव याद रखना चाहिए कि अमेरिका एक विश्वासघाती, स्वार्थी और अवसरवादी देश है !
इससे फिर से सिद्ध होता है कि अमेरिका भारत का मित्र नहीं हो सकता। भारतीयों को सदैव याद रखना चाहिए कि अमेरिका एक विश्वासघाती, स्वार्थी और अवसरवादी देश है !
उत्तर प्रदेश के आगरा का विश्वविख्यात ताजमहल मूलतः हिन्दुओं का ‘तेजोमहालय’ नामक मंदिर है । अब आगरा से ३५ किमी दूरी पर स्थित फतेहपुर सीकरी का प्रकरण सामने आया है । वहां का शेख सलीम चिश्ती दरगाह मूलतः मां कामाख्या देवी का मंदिर है, ऐसा दावा एक याचिका के माध्यम से आगरा के स्थानीय न्यायालय में किया गया है ।
बांगलादेश की शेख हसीना सरकार हिन्दुओं पर होनेवाले आक्रमण रोकने में असफल
भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा श्री महालक्ष्मीदेवी की मूर्ति का संवर्धन किया जाएगा । इसके कारण यदि मूर्ति को क्षति पहुंचती है, तो उसका सटीक दायित्व निश्चित किया जाए, ऐसी मांग महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से कोल्हापुर के जिलाधिकारी के पास निवेदन द्वारा की गई है ।
भारतीय वंश के संसद सदस्य श्री. ठाणेदार ने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया ।
मंदिर में मांस के टुकडे फेंकने वाले धर्मांधों को पुलिस ने बंदी बनाया है । बंदी बनाए गए सभी ३ नाबालिक लडके हैं ।
इस घटना का सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने देखा, तो उन्हें एक व्यक्ति मंदिर में कोई वस्तु फेंकते हुए दिखा ।
मुसलमान धर्मांध कट्टरपंथी प्रार्थना का समय बदलने के उपरांत भी पुन: हिन्दुओं पर पत्थर कैसे फेंकते हैं ? क्या धर्मांध कट्टर पंथी लोग जानबूझकर हिन्दुओं को योजना बना कर त्रास दे रहे हैं ? ऐसा संदेह है ।
इस घटना में पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर लिया है ।
पहला पत्र मंदिर के गर्भगृह के पास मिला था, जबकि दूसरा पत्र हनुमान मंदिर के पास मिला था । दोनों पत्र हिन्दी भाषा में लिखे गए थे । न्यासियों ने दोनों पत्र निपानी शहर पुलिस को सौंपे तथा शिकायत प्रविष्ट कराई ।