स्वयं के द्वारा हिन्दू धर्म का आचरण करने से ही हिन्दुओं को जागृति लाना संभव ! – दयाल हरजानी, व्यावसायी, हाँगकाँग

हमें मूलतः आंतरिक यात्रा कर ही अर्थात साधना कर ही धर्मकार्य के लिए तैयार होना होगा । स्वयं के द्वारा हिन्दू धर्म का आचरण करने से ही हिन्दुओं में जागृति लाना संभव है, ऐसा प्रतिपादन हाँगकाँग के व्यायवसायी श्री. दयाल हरजानी ने किया ।

अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठों को हुई विविध अनुभूतियां एवं उनका हिन्दू जनजागृति समिति के विषय में अपनापन !

१२ से १८ जून २०२२ को रामनाथी (गोवा) के श्री रामनाथ देवस्थान में हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न हुआ । इस अधिवेशन के समारोपीय सत्र में हिन्दुत्वनिष्ठों को अधिवेशन काल में हुई अनुभूतियां, हिन्दू जनजागृति समिति के प्रति विशेष अपनापन, इसके साथ ही साधना करते समय हुई विविध अनुभूतियां आदि के विषय में अपना मनोगत व्यक्त किया ।

संप्रदायवाद छोडकर हिन्दुत्ववाद और राष्ट्रवाद अपनाइए ! – पू. चंद्रकांत महाराज शुक्लजी, जिलाप्रमुख, गुरुवंदना मंच, वलसाड, गुजरात.

जिस प्रकार से कि किसानों ने अनेक महिनोंतक आंदोलन किया और उसके कारण सरकार को ३ कृषि कानून रद्द करने पडे, उसी प्रकार हिन्दुओं को सरकार पर भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने के लिए दबाव बनाना पडेगा ।

नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए भारत की सहायता आवश्यक ! – डॉ. भोलानाथ योगी, हिन्दू विश्वविद्यालय, नेपाल

‘नेपाल में ९५ प्रतिशत हिन्दू हैं; परंतु पाश्चात्त्यों के प्रभाव के कारण अब वहां पर टोपी के स्थान पर टाइ को महत्व दिया जा रहा है । नौकरी के निमित्त पश्चिमी देशों में जाने के कारण नेपाल में पाश्चात्य सभ्यता का प्रभाव बढ रहा है । इसलिए वहां अब हाथों से भोजन करना असभ्य समझा जाता है ।

VIDEO : मंदिर सामूहिक उपासना के केंद्र बनें; इसके लिए संगठितरूप से प्रयास करना आवश्यक ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य समन्वयक, हिन्दू जनजागृति समिति

मंदिर संस्कृति की रक्षा के लिए हमें अभी बहुत कार्य करना है । मंदिर चैतन्य के स्त्रोत हैं । आज मस्जिदों पर लगाए गए अवैध भोंपुओं के विरोध के रूप में ही क्यों न हो; परंतु मंदिरों में हनुमान चालिसा के पाठ होने लगे हैं । अनेक मंदिरों में महाआरती की जा रही है ।

सर्व संतों एवं महात्माओं को हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए कार्य करना आवश्यक ! – पू. परमात्माजी महाराज, धारवाड, कर्नाटक

कर्नाटक में धारवाड के पू. परमात्माजी महाराज जी ने आवाहन किया कि, जब धर्म पर अधर्म बढ गया, तब भगवान परशुराम ने परशु धारण किया । ऐसे परशुराम को हमें अपना आदर्श मानना चाहिए । यह तपस्या करने का नहीं, युद्ध करने का समय है ।

‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना’ यह युवकों का ‘करिअर’ होना चाहिए ! – हर्षद खानविलकर, युवा संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति

वर्तमान में युवक-युवती स्वयं के ‘करिअर’ के (भविष्य बनाने के) पीछे पडे हैं; परंतु आज राष्ट्र का ‘करिअर’ (भविष्य) संकट में है । राष्ट्र का ‘करिअर’ संकट में हो, तो हमारा ‘करिअर’ कैसे बनेगा ? छत्रपती शिवाजी महाराज, स्वातंत्र्यवीर सावरकरजी ने छोटी आयु में ही राष्ट्र और धर्म कार्य के लिए जीवन समर्पित किया ।

१२ से १८ जून की अवधि में गोवा में होनेवाले दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के उपलक्ष्य में …

इस्लामी अथवा ईसाई देशों की भांति हिन्दू राष्ट्र कोई संकीर्ण अवधारणा (संकल्पना) नहीं है, अपितु वह विश्वकल्याण का विचार करनेवाली, प्रत्येक नागरिक की लौकिक एवं पारलौकिक उन्नति का विचार करनेवाली एक सत्त्वप्रधान व्यवस्था है ।

हिन्दुओं का दमन रोकने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही चाहिए !

संसार के अन्य किसी भी देश में बहुसंख्यकों के अधिकारों को ठुकराया नहीं जाता; परंतु भारत की ‘सेक्युलर’ राज्यप्रणाली के कारण हिन्दूबहुल भारत में हिन्दुओं की उपेक्षा हो रही है । वह न हो इसलिए भारत में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होना आवश्यक है ।

आगामी हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में गोवा का महत्त्व !

जब मैं गोवा से लौट रहा था, तो मेरे मन में एक विचार आया कि भविष्य में हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए गोवा का महत्त्व बहुत अधिक होगा; क्योंकि यदि हम छत्रपति शिवाजी महाराज के समय को देखें तो पाएंगे कि उन्होंने इतना बडा साम्राज्य खडा किया था; परंतु इसका आरंभ एक छोटी सी जगह से हुआ था ।