जे.एन.यू. में श्रीरामनवमी की पूजा को लेकर अभाविप तथा साम्यवादी छात्रों के बीच मारपीट !

जे.एन.यू. विश्वविद्यालय में राष्ट्रद्रोही तथा हिंदुद्वेषी विचारधारा के छात्र एवं शिक्षकों की संख्या अधिक है। कांग्रेस के राज में इस प्रकार के लोगों को प्रोत्साहीत किया जाता था । अब भाजपा के राज में उन का तीव्र विरोध होने लगा है ।

युगादीबाद का ‘होसतोडकू’ (कर्नाटक का त्योहार) के दिन सरकार को झटका मांस उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करनी चाहिए !

ऐसी मांग करने की परिस्थिति हिन्दुओं पर न आए । सरकार ने स्वयं ही यह व्यवस्था करना आवश्यक !

देश के हिन्दुओं में फूट डालने का प्रयास ! – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक रिपोर्ट

सरकारी तंत्र में घुसने की विशेष समुदाय की योजना !

गोल्डबर्ग का अपराध !

अमेरिकी समाज पर अभिव्यक्ति स्वतंत्रता एवं व्यक्ति स्वतंत्रता की बहुत दृढ पकड होते हुए भी गोल्डबर्ग के प्रसंग में कोई भी उनका पक्ष लेने नहीं आया । ऐसा क्यों हुआ ? ‘ज्यू का वंशविच्छेद, धार्मिक नहीं था, अपितु वांशिक था । इतना भी गोल्डबर्ग को कैसे पता नहीं ?’, ऐसा ही सुर अमेरिकी समाज के अनेक लोगों ने आलापा ।

(कहते हैं) ‘हिन्दुत्वनिष्ठ नेताओं के भडकाऊ विधानों का विरोध करना चाहिए !’

इन मान्यवरों ने कभी ’१५ मिनटों के लिए पुलिस हटाने पर १०० करोड हिन्दुओं को देख लेंगे’ ऐसी धमकी देने के बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था क्या ?

बागलकोट (कर्नाटक) यहां हिन्दू विद्यार्थियों का धर्म परिवर्तन किए जाने की शिकायत के बाद सेंट पॉल विद्यालय प्रशासन की ओर से बंद

शिकायत के बाद तत्परता से ऐसा निर्णय लेने वाले कर्नाटक प्रशासन का अभिनंदन ! ऐसी तत्परता सभी ओर होनी चाहिए और उसमें भी किसी के द्वारा शिकायत करने की अपेक्षा प्रशासन को सतर्क रहकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तुरंत कार्यवाही करनी चाहिए !

गुरुग्राम (हरियाणा) में सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पठन करने के विषय में हिन्दू संगठनों का विरोध जारी !

हरियाणा में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के यह कहने के बाद भी कि, ‘सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पठन करना मना है’, फिर भी वहां नमाज पढना जारी ! हिंदुओं को यह अपेक्षित नहीं !

देहली की ‘चंगाई सभाओं’ द्वारा हिन्दुओं का धर्मांतरण किए जाने के विरोध में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा प्रदर्शन !

आंदोलन में विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, हिन्दू जनजागृति समिति इत्यादि हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता, साथ ही स्थानीय हिन्दू विशाल संख्या में सहभागी हुए थे । इनमें महिलाएं भी सम्मिलित थीं ।

कोलार (कर्नाटक) में पुलिस की चेतावनी के बाद भी ईसाइयोंद्वारा घर घर जाकर धार्मिक पुस्तकें बांटने का प्रयास करने पर पुस्तकों को जलाया गया !

पुलिसद्वारा चेतावनी देने के बाद भी ईसाई वहां जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोका क्यों नहीं ? पुलिस की चेतावनी को न मानते हुए कृति करने से तनाव निर्माण करने के मामले में पुलिस को ऐसों पर कार्रवाई करनी चाहिए !

गया (बिहार) में एक हिंदू द्वेषी शिक्षिका ने श्रीमद्भागवत गीता और जपमाला को कूडेदान में फेंका !

क्या यह हिंदू द्वेषी शिक्षिका दूसरे संप्रदायों के धर्मग्रंथों को कूडेदान में फेंकने का साहस करेगी ? हिंदुओं को लगता है, कि सरकार उसे बंदी बनाकर कारागृह में डाले !