होली (१३.३.२०२५)

तिथि : ‘प्रदेशानुसार फाल्गुनी पूर्णिमा से पंचमी तक पांच-छः दिनों में, कहीं दो दिन, तो कहीं पांचों दिन यह त्योहार मनाया जाता है । उत्सव मनाने की पद्धति १. स्थान एवं समय : किसी देवालय के सामने अथवा सुविधाजनक स्थान पर सायंकाल में होली जलानी होती है । अधिकतर किसी गांव के ग्रामदेवता के सामने … Read more

धूलिवंदन

इस दिन होली की राख अथवा धुलि की पूजा का विधान है । पूजा हो जाने पर आगे दिए मंत्र से उसकी प्रार्थना करते हैं ।

हिन्दुओं की अद्वितीय कालगणना की पद्धति की अलौकिकता का वर्णन करनेवाला…नवसंवत्सरारंभ !

जैसे हिन्दुओं का कोई भी त्योहार मौज-मस्ती का विषय नहीं, अपितु मंगलता, पवित्रता, चैतन्य एवं आनंद का समारोह है, वैसे ही चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भी है ! इसकी एक और विशेषता यह है कि यह काल का प्रत्यक्ष भान कराकर जीव को अधिकाधिक अंतर्मुख बना देता है !

Republic Day 2024: देशभर में भारत का गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास से संपन्न !

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा प्रमुख अतिथि के रूप में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैनुएल मैंक्रॉन उपस्थित थे ।

‘वैलेंटाइन डे’ की पश्चिमी प्रथा छोडें !

पिछले कुछ वर्षों से ‘१४ फरवरी’ को ‘वैलेंटाइन डे’ अर्थात ‘प्रेम दिवस’ के रूप में मनाते हैं । युवाओ, क्या वास्तविक प्रेम एक दिन का ही होता है ? ‘वैलेंटाइन डे’ का प्रचलन अब सर्वत्र बढ रहा है ।

महाशिवरात्रि के व्रत की विधि

फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी पर एकभुक्त रहें । चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल व्रत का संकल्प करें । सायंकाल नदी पर अथवा तालाब पर जाकर शास्त्रोक्त स्नान करें ।

शिवपिंडी पर बिल्वपत्र चढाने की पद्धति से संबंधित अध्यात्मशास्त्र

बिल्वपत्र, तारक शिवतत्त्व का वाहक है, तथा बिल्वपत्र का डंठल मारक शिवतत्त्व का वाहक है ।

बर्फ के शिवलिंग के रूप में भगवान शिव का अस्तित्व दर्शानेवाली अमरनाथ गुहा !

अमरनाथ स्थित गुहा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है । इस गुहा में भगवान शिव ने देवी पार्वती को इस गुहा में अमरत्व का ज्ञान दिया था । इसलिए इस गुहा का महत्त्व है ।