आगामी हिन्दू वर्ष में हिन्दुओं का राजनैतिक, कूटनीतिक तथा तकनीकी सशक्तिकरण होगा ! – आचार्य डॉ. अशोक कुमार मिश्र

प्राच्य और ज्योतिषशास्त्रीय ग्रंथों में वर्णित है कि ब्रह्माजी के द्वारा सृष्टि की रचना चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को प्रारंभ किया गया और तभी से समय-गणना का विधान भी प्रारंभ हुआ ।

सूक्ष्म आयाम को समझने की क्षमता रखना – सनातन संस्था के साधकों की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता !

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने अपने गुरु प.पू. भक्तराज महाराजजी के आशीर्वाद से १.८.१९९१ को ‘सनातन भारतीय संस्कृति संस्था’ की स्थापना की । उसके उपरांत उन्होंने संस्था का नाम सरल करने हेतु २३.३.१९९९ को ‘सनातन संस्था’ की स्थापना की । अब मार्च २०२४ में सनातन संस्था के २५ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । इस … Read more

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की कृपा से ‘सनातन के साधक आनंद में रहनेवाले जीव हैं, इसकी प्रतीति लेनेवाले समाज के विभिन्न व्यक्ति !

‘‘सनातन के साधक सदैव आनंद में रहते हैं । हमारे यहां संप्रदाय जैसी विशिष्ट वेशभूषा नहीं होती; परंतु ‘चेहरे पर दिखाई देनेवाला आनंद’ ही हमारे साधकों की पहचान है ।

सनातन की सर्वांगस्पर्शी ग्रंथसंपदा

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी की सिद्ध लेखनी से साकार हुए सनातन के ग्रंथ चैतन्यमय ज्ञान का भंडार है ! ये ग्रंथ केवल स्पर्श से लोहे को सोना बनानेवाले पारस के समान हैं; क्योंकि ग्रंथों में दी गई सीख के अनुसार आचरण करने से अनेक लोगों के जीवन में आमूल परिवर्तन हो रहे हैं !

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु ‘आपातकाल से पूर्व ग्रंथों के माध्यम से अधिकाधिक धर्मप्रसार’ होने के उद्देश्य से सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संकल्प कार्यरत हो गया है । अतः उनकी अपार कृपा प्राप्त करने के लिए इस कार्य में पूर्ण लगन से सम्मिलित हों !

धर्मप्रसार का कार्य होने में ज्ञानशक्ति, इच्छाशक्ति एवं क्रियाशक्ति, इनमें से ज्ञानशक्ति का योगदान सर्वाधिक है । ज्ञानशक्ति के माध्यम से कार्य होने हेतु सबसे प्रभावी माध्यम हैं ‘ग्रंथ’ !

छात्र-साधको, गर्मियों की छुट्टियों में चैतन्यदायक आश्रम जीवन का अनुभव करें तथा अंतर्मन में साधना का बीज बोकर हिन्दू राष्ट्र के लिए पात्र बनें !

साधक-अभिभावको, हमारे बच्चे तो हिन्दू राष्ट्र की भावी पीढी हैं ! इस पीढी को सुसंस्कृत करना तथा उनके मन में साधना का बीज बोना आवश्यक है । अगली पीढी को अभी से तैयार किया गया, तो ये बच्चे हिन्दू राष्ट्र के आदर्श नागरिक बनेंगे !

किसी भी अनजान व्यक्ति को व्यक्तिगत जानकारी देना टालें !

‘एक राज्य के एक शहर में एक साधिका के घर घरेलू गैस पाइप का काम करने के लिए एक व्यक्ति आया था । उस व्यक्ति ने अपना काम करते हुए साधिका से होशियारी से संवाद करते हुए अनेक प्रश्न पूछे । इसके द्वारा संबंधित साधिका की सिलसिलेवार जानकारी ली गई ।

हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी का ओडिशा एवं झारखंड राज्य में ‘हिन्दू राष्ट्र-जागृति संपर्क अभियान’

सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी एवं श्री. शंभू गवारे ने क्रमशः ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के कार्य में साधना की आवश्यकता’ तथा ‘हलाल (जो इस्लाम के अनुसार वैध है, वह) अर्थव्यवस्था की भीषणता’ विषयों पर उपस्थित धर्मप्रेमियों को संबोधित किया ।

विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड राज्यप्रमुख तथा उद्योगपति चंद्रकांत रायपत ने किया वाराणसी के सनातन आश्रम का अवलोकन !

विश्व हिन्दू परिषद के झारखंड राज्यप्रमुख तथा रांची के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री. चंद्रकांत रायपत तथा उनके सहयोगियों ने कुछ ही दिन पूर्व वाराणसी के सनातन आश्रम का अवलोकन किया ।