श्रीरामजन्मभूमि पर श्रीराममंदिर के उद्घाटन की पृष्ठभूमि पर १ सहस्र संत ५ लाख हिन्दू बाहुल्य गांवों में जाकर कार्यक्रम करेंगे !

आयोजकों ने कहा कि, देश के ५५० जिले और ५ लाख गांवों में हिन्दुओं की जनसंख्या अधिक है । हम केवल उन तक पहुंचना चाहते हैं ।

पांच कोश और चार देहोंका संबंध

अध्यात्मशास्त्रमें अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय और आनंदमय, ये पांच कोश बताये हैं । स्थूलदेह, सूक्ष्मदेह, कारणदेह औेर महाकारणदेह, ये चार देह बताये हैं ।

छोटे संगठनों को एकत्र कर हिन्दुत्व का कार्य करवाना चाहिए ! – पू. रामबालक दासजी महात्यागी महाराज, संचालक, श्री जामडी पाटेश्‍वरधाम सेवा संस्थान, पाटेश्‍वर धाम, छत्तीसगड

जो धर्मांतरित हुए हैं उन्हें दूर न करते हुए, उन्हें प्रेम से समीप लाना होगा । ऐसा करने से हिन्दुओं का धर्मातरण नहीं होगा । प्रभु श्रीराम ने वनवास काल में वानरों के साथ वनवासियों को प्रेम देकर उन्हें अपने कार्य से जोड कर लिया । प्रभु श्रीराम का आदर्श रखकर हमें कार्य करना है ।

‘अनंत’में जानेकी यात्राकी सिद्धता

जीवनमें सुख तो जौ (यव) धान्य के एक दानेके बराबरका है, तो दु:ख पहाड जितना है । इन दु:खोंकी पुनरावत्तियां टालनेके लिये किसी साधनासे अंतिम यात्राकी सिद्धता की, तो ‘अनंत’में विलीन होकर जन्म-मृत्युकी यात्राओंका अंत होगा ।

हिन्दू राष्ट्र के इस धर्मयुद्ध में चाहे कितनी भी बाधाएं आएं; परंतु हम निरंतर आगे बढते रहेंगे ! – पू. रमानंद गौडाजी, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था

प्रारब्ध के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को सुख-दुख भोगना पडता है । धर्मकार्य करते समय कभी पुलिस प्रशासन का दबाव होता है, तो कभी समाज का भी विरोध होता है । हमारी साधना हो, तो ऐसी प्रतिकूल स्थिति में भी हम स्थिर रह सकते हैं, साथ ही हमारा कार्य अखंडित जारी रख सकते हैं ।

वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हिन्दू राष्ट्र आक्षेप एवं खंडन’ इस ‘ई बुक’ का लोकार्पण !

‘ई बुक’ विक्रय के लिए एमेजोन पर उपलब्ध रहेगी । भारत में सेक्युलरवादी ‘हिन्दू राष्ट्र’ पर आपत्ति उठाते हैं । सेक्युलरवादी हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना को संविधान विरोधी कहते हैं ।

लोकसभा चुनावों से पहले गोमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करें ! – श्री १००८ महाशक्ति पीठाधीश्वर श्री शक्तिजी महाराज, श्री महाकाली माता शक्तिपीठ प्रतिष्ठान, अमरावती

जन्मदाता मां के उपरांत गाय हमारी माता है । हम गोमाता का दूध पीते हैं; परंतु उसकी रक्षा करने में हम कम पड रहे हैं । नांदेड में गोरक्षकों की हत्या की गई । गोरक्षकों को प्रशासन से सहयोग नहीं मिलता । गोमाता की रक्षा करने के लिए सभी हिन्दुओं को एकत्र आना चाहिए

धर्मांतरण रोककर सनातन धर्म की रक्षा करेंगे, यह प्रतिज्ञा लें ! – पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज, शांती काली आश्रम, अमरपुर, त्रिपुरा

मठों-मंदिरों में अनेक साधु-संत हैं; परंतु वहां आनेवाले हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती । उसके कारण धर्मांतरण की समस्या और अधिक फैल गई है । हिन्दू धर्म बच गया, तभी जाकर मठ-मंदिर टिके रहेंगे; इसलिए पहले हिन्दू धर्म को बचाने का प्रयास कीजिए ।

वीरशैव लिंगायत हिन्दू ही हैं ! – पू. श्री.ष.ब्र.प्र.१०८ (डॉ.) विरुपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी, मठाधिपति, गणाचार्य मठ संस्थान, मुखेड, नांदेड, महाराष्ट्र

अखंड हिन्दुस्थान यह हिन्दू राष्ट्र ही है; परंतु उसे ‘सेक्युलर’ ठहराने का प्रयत्न किया जा रहा है । भारत में भले ही विविध संप्रदाय हों, तब भी सभी लोग हिन्दू धर्म की भांति आचरण करते हैं ।

आज की युवा पिढी के समक्ष सनातन धर्म की श्रेष्ठता उचित पद्धति से प्रस्तुत करना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

पश्चिमियों के साथ ही पूरे विश्व के लोग आनंद की खोज में स्वयं ही सनातन धर्म एवं संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं । इसके विपरित हिन्दू अपनी अंधबौद्धिक दासतां के कारण पश्चिमी विकृति की ओर मुड रहे हैं । आज के युवानो को आधुनिक विज्ञान की अपेक्षा सनातन संस्कृति की श्रेष्ठता विशद करने की आवश्यकता है ।