वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में ‘हिन्दू राष्ट्र आक्षेप एवं खंडन’ इस ‘ई बुक’ का लोकार्पण !

‘ई बुक’ विक्रय के लिए एमेजोन पर उपलब्ध रहेगी । भारत में सेक्युलरवादी ‘हिन्दू राष्ट्र’ पर आपत्ति उठाते हैं । सेक्युलरवादी हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना को संविधान विरोधी कहते हैं ।

लोकसभा चुनावों से पहले गोमाता को ‘राष्ट्रमाता’ घोषित करें ! – श्री १००८ महाशक्ति पीठाधीश्वर श्री शक्तिजी महाराज, श्री महाकाली माता शक्तिपीठ प्रतिष्ठान, अमरावती

जन्मदाता मां के उपरांत गाय हमारी माता है । हम गोमाता का दूध पीते हैं; परंतु उसकी रक्षा करने में हम कम पड रहे हैं । नांदेड में गोरक्षकों की हत्या की गई । गोरक्षकों को प्रशासन से सहयोग नहीं मिलता । गोमाता की रक्षा करने के लिए सभी हिन्दुओं को एकत्र आना चाहिए

धर्मांतरण रोककर सनातन धर्म की रक्षा करेंगे, यह प्रतिज्ञा लें ! – पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज, शांती काली आश्रम, अमरपुर, त्रिपुरा

मठों-मंदिरों में अनेक साधु-संत हैं; परंतु वहां आनेवाले हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती । उसके कारण धर्मांतरण की समस्या और अधिक फैल गई है । हिन्दू धर्म बच गया, तभी जाकर मठ-मंदिर टिके रहेंगे; इसलिए पहले हिन्दू धर्म को बचाने का प्रयास कीजिए ।

वीरशैव लिंगायत हिन्दू ही हैं ! – पू. श्री.ष.ब्र.प्र.१०८ (डॉ.) विरुपाक्ष शिवाचार्य महास्वामीजी, मठाधिपति, गणाचार्य मठ संस्थान, मुखेड, नांदेड, महाराष्ट्र

अखंड हिन्दुस्थान यह हिन्दू राष्ट्र ही है; परंतु उसे ‘सेक्युलर’ ठहराने का प्रयत्न किया जा रहा है । भारत में भले ही विविध संप्रदाय हों, तब भी सभी लोग हिन्दू धर्म की भांति आचरण करते हैं ।

आज की युवा पिढी के समक्ष सनातन धर्म की श्रेष्ठता उचित पद्धति से प्रस्तुत करना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

पश्चिमियों के साथ ही पूरे विश्व के लोग आनंद की खोज में स्वयं ही सनातन धर्म एवं संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं । इसके विपरित हिन्दू अपनी अंधबौद्धिक दासतां के कारण पश्चिमी विकृति की ओर मुड रहे हैं । आज के युवानो को आधुनिक विज्ञान की अपेक्षा सनातन संस्कृति की श्रेष्ठता विशद करने की आवश्यकता है ।

शिव को प्राप्त करने के लिए गुणातीत होना होगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘आज की युवा पीढी देवतापूजन करने को उद्यत नहीं है’, इस संदर्भ में शंकासमाधान करते हुए सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा कि ‘‘कर्मकांड के आगे उपासनाकांड है । उसके अनुसार मानसपूजा, नामजप आदि के माध्यम से भी ईश्वर के निकट जाया जा सकता है ।’’

साधकों को साधना के लिए प्रेरित करनेवाला श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का अमूल्य मार्गदर्शन !

‘आश्रम में रहकर पूर्णकालीन साधना करनेवाले एक साधक ने उसे हो रहे आध्यात्मिक कष्टों के कारण घर जाने का विचार किया । श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी को उसने यह बताया ।

देवताओं का अनादर करनेवाली चलचित्र (फिल्में)न बनें; इसके लिए प्रयास करेंगे !

वास्तव में सरकार को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले फिल्मों पर स्वयं ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए । उसके लिए सीधे शंकराचार्याें को प्रधानता लेने की स्थिति न आए । अब तो सरकार इस बोर्ड को आधिकारिक श्रेणी प्रदान कर धर्महानि रोकने के शंकराचार्याें के कार्य में सहायता करे, यही हिन्दुओं की भावना है !

हिन्दू समाज को स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र के आंदोलन को प्रखर बनाना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

अनुच्छेद ३७० के हटने के उपरांत भी कश्मीर में हिन्दुओं की लक्ष्यित हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं । ऐसी स्थिति में हिन्दू समाज को स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र के आंदोलन को प्रखर बनाना आवश्यक है ।

बीमारी दूर होने हेतु आवश्यक देवताओं के तत्त्वों के अनुसार कुछ बीमारियों के लिए नामजप

आगे आनेवाले आपातकाल में आधुनिक वैद्यों और उनकी औषधियां उपलब्ध नहीं होंगी, उस समय ‘किस बीमारी के लिए कौन सा उपाय करना है’, यह समझ में आना कठिन होगा । अतः यह समझ में आए; इसके लिए साधक यह लेख संग्रहित रखें और उसमें दिए अनुसार नामजप करें ।