शिव को प्राप्त करने के लिए गुणातीत होना होगा ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

‘आज की युवा पीढी देवतापूजन करने को उद्यत नहीं है’, इस संदर्भ में शंकासमाधान करते हुए सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी ने कहा कि ‘‘कर्मकांड के आगे उपासनाकांड है । उसके अनुसार मानसपूजा, नामजप आदि के माध्यम से भी ईश्वर के निकट जाया जा सकता है ।’’

साधकों को साधना के लिए प्रेरित करनेवाला श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी का अमूल्य मार्गदर्शन !

‘आश्रम में रहकर पूर्णकालीन साधना करनेवाले एक साधक ने उसे हो रहे आध्यात्मिक कष्टों के कारण घर जाने का विचार किया । श्रीचित्‌शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी को उसने यह बताया ।

देवताओं का अनादर करनेवाली चलचित्र (फिल्में)न बनें; इसके लिए प्रयास करेंगे !

वास्तव में सरकार को हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले फिल्मों पर स्वयं ही प्रतिबंध लगा देना चाहिए । उसके लिए सीधे शंकराचार्याें को प्रधानता लेने की स्थिति न आए । अब तो सरकार इस बोर्ड को आधिकारिक श्रेणी प्रदान कर धर्महानि रोकने के शंकराचार्याें के कार्य में सहायता करे, यही हिन्दुओं की भावना है !

हिन्दू समाज को स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र के आंदोलन को प्रखर बनाना आवश्यक ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

अनुच्छेद ३७० के हटने के उपरांत भी कश्मीर में हिन्दुओं की लक्ष्यित हत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं । ऐसी स्थिति में हिन्दू समाज को स्वयं का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र के आंदोलन को प्रखर बनाना आवश्यक है ।

बीमारी दूर होने हेतु आवश्यक देवताओं के तत्त्वों के अनुसार कुछ बीमारियों के लिए नामजप

आगे आनेवाले आपातकाल में आधुनिक वैद्यों और उनकी औषधियां उपलब्ध नहीं होंगी, उस समय ‘किस बीमारी के लिए कौन सा उपाय करना है’, यह समझ में आना कठिन होगा । अतः यह समझ में आए; इसके लिए साधक यह लेख संग्रहित रखें और उसमें दिए अनुसार नामजप करें ।

सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी के अमृतवचन !

‘जब (खेत में) नदी का पानी आता है, तब उसे पाट बनाकर दिशा देनी पडती है; अन्यथा वह समस्त (खेत) नष्ट कर देता है । उसीप्रकार मन में आ रहे विचारों को दिशा देनी पडती है ।

भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास में सद्गुरु डॉ. पिंगळेजी एवं पू. मेनरायजी का जन्म होना…

सनातन के १४ वें संत सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी का जन्मदिन श्रावण शुक्ल प्रतिपदा (२९ जुलाई २०२२) एवं ४६ वें संत पू. मेनरायजी का जन्मदिन श्रावण शुक्ल पंचमी (नागपंचमी, २ अगस्त २०२२) को है । जन्मदिन निमित्त सनातन परिवार की ओर से कोटि-कोटि प्रणाम !