सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘पश्चिमी संस्कृति एवं दर्शन केवल भौतिक एवं सामाजिक विषयों का अध्ययन करते हैं । इसके विपरीत हिन्दू संस्कृति और दर्शन भौतिक एवं सामाजिक विषयों के साथ ही आध्यात्मिक विषयों का अध्ययन करते हैं तथा ईश्वरप्राप्ति के ध्येय के विषय में मार्गदर्शन करते हैं ।’ 

काशी में हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित २ दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न

भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ कैसे घोषित किया जाएगा ?, इस पर विचारमंथन करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से यहां आयोजित २ दिवसीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का ४ नवंबर को शुभारंभ हुआ ।

भारत में मस्जिदों के माध्यम से जमा किए पैसों का आतंकवादी कार्यवाहियों के लिए प्रयोग !

‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’, ऐसा चिल्लाने वाले कांग्रेसी ‘भगवा आतंकवाद’ के नाम से हिन्दुओं को अपराधी ठहराते हैं । अब हिन्दुओं को ‘एफ.ए.टी.एफ.’ के इस ब्योरे पर कांग्रेसियों से जवाब मांगना चाहिए ।

केरल में मुसलमान युवा संगठन द्वारा फिलिस्‍तीन के समर्थन में आयोजित ऑनलाईन सभा में हमास के नेता द्वारा मार्गदर्शन !

ऐसी सभा को केरल की सरकार ने अनुमति कैसे दी ? इसकी जांच केंद्र सरकार को करनी चाहिए !

Medicine for Cancer : रुद्राक्ष के माध्यम से बनी औषधि से कर्करोग पर होगा उपचार !

चूहों पर किया गया प्रयोग सफल, अब बनारस विश्वविद्यालय के अस्पताल के रोगियों पर होगा प्रयोग 

अमेरिका का अराजक ! 

आज अमेरिका में पल रही बंदूक संस्कृति (नहीं, विकृति) भविष्य में संपूर्ण विश्व में फैल गई, तो कितना बडा अनर्थ हो जाएगा ? क्या इसका अमेरिका को भान है ?

दाभोलकर-पानसरे हत्या की भटकी हुई जांच की कथा

इस पुस्तक में समाहित ‘जांच का एक अनुत्तरित प्रश्न : पिस्तौल गई कहां ?’, इस एक ही अध्याय से इस जांच में हो रही सामान्य लोगों की भी समझ में आनेवाली त्रुटियां सामने आती हैं । इन जांच संस्थाओं की यह जांच देखकर अक्षरशः ‘हंसे या रोएं ?’, यही समझ में नहीं आता ।

कलियुग की सर्वश्रेष्ठ नामजप साधना, नामजप की वाणियां एवं ध्वनि-प्रकाश विज्ञान

आधुनिक विज्ञान भले ही इस बात से अनभिज्ञ हो; परंतु अध्यात्मशास्त्र ने मनुष्य की ४ देह बताई हैं । इन ४ देहों की वैखरी, मध्यमा, परा एवं पश्यंति, ये ४ वाणियां बढते क्रम में उच्च कोटि की बनती जाती है ।

अगले वर्ष निवृत्ति वेतन प्राप्त होने के लिए नवंबर २०२३ में अधिकोष को ‘जीवन प्रमाणपत्र’ (‘लाइफ सर्टिफिकेट’) दें ! 

सर्वत्र के सेवानिवृत्ति वेतन धारकों के लिए महत्त्वपूर्ण जानकारी !

साधको, ‘उचित विचार प्रक्रिया के साथ परिपूर्ण कृति करना’ साधना का समीकरण है, अतः उसके अनुरूप प्रयास कर साधना में निहित शुद्ध आनंद अनुभव करें !

साधको, ‘हमारा प्रत्येक कृत्य एवं उसके पीछे के विचार की ओर भगवान की दृष्टि है’, इसे ध्यान में लेकर निष्ठापूर्वक  साधना करें !’