ग्रन्थमाला ‘देवताओं की उपासना’
नवरात्रि में घटस्थापना करने का क्या महत्त्व है ?, कुमकुमार्चन का शास्त्रोक्त आधार क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ “देवीपूजन से सम्बन्धित कृत्योंका अध्यात्मशास्त्र”
नवरात्रि में घटस्थापना करने का क्या महत्त्व है ?, कुमकुमार्चन का शास्त्रोक्त आधार क्या है ? इन प्रश्नोंके उत्तर पाने के लिए अवश्य पढिये लघुग्रन्थ “देवीपूजन से सम्बन्धित कृत्योंका अध्यात्मशास्त्र”
नवरात्रोत्सव से होनेवाली धर्महानि रोकने के लिए वैधानिक पद्धति से प्रयास कर उत्सव की पवित्रता बनाए रखना प्रत्येक देवीभक्त का आद्य कर्तव्य है । इन अप्रिय घटनाओं को रोककर ‘आदर्श नवरात्रोत्सव’ मनाना तथा उसके लिए अन्यों को भी प्रेरित करना देवी की श्रेष्ठ स्तर की उपासना सिद्ध होगी !’
धनबाद के रणधीर वर्मा चौक में किए गए एक दिवसीय आंदोलन में सनातन धर्म के विषय में अत्यंत आपत्तिजनक तथा हिन्दुओं की धार्मिक भावनाएं आहत करनेवाले वक्तव्य देनेवाले तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन, कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे एवं द्रमुक सांसद ए. राजा के विरुद्ध अपराध पंजीकृत कर उन पर कठोर कार्रवाई की मांग की गई ।
यहां के भारतीय जनता पार्टी के विधायक श्री. मनीष जयसवाल से भेंट कर उन्हें विदेश व्यापार नीति/शर्तें तथा मांस एवं मांस उत्पादों के लिए हलाल प्रमाणपत्र प्रक्रिया तथा केंद्र सरकार द्वारा उसमें किए सुधार के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत राज्य संगठक श्री. शंभू गवारे ने विस्तार से जानकारी दी ।
हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘क्या सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों की भांति नष्ट होगा ?’ विषय पर आयोजित ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में वे ऐसा बोल रही थीं ।
आज के समय में अज्ञान के कारण बच्चे सच्चे छात्र बनने के स्थान पर केवल परीक्षार्थी बन रहे हैं । केवल परीक्षा देकर उत्तीर्ण होना ही नहीं, अपितु बडा होने पर अर्जित किए गए ज्ञान से ज्ञानदान करना, साथ ही उस ज्ञान का उपयोग राष्ट्र एवं धर्म के कार्य के लिए करना ही हमारा ध्येय होना चाहिए ।
कुछ लोग रात देर तक जागरण करते हैं और पुन: सवेरे भी शीघ्र उठते हैं । कभी-कभी यह ठीक है; परंतु सदैव ही ऐसा करने पर उसका शरीर पर गंभीर दुष्परिणाम हो सकता है ।
देवालय में श्रद्धालु भगवान का भक्तिभाव से दर्शन करते हैं । देवालय के पुजारी कभी-कभी प्रसाद के रूप में कुछ वस्तुएं देते हैं, उदा. भगवान को अर्पण की गई मालाएं, वस्त्र इत्यादि । भगवान को अर्पित वस्तुओं में चैतन्य होता है ।
देवद (पनवेल) स्थित सनातन के आश्रम में सेवा का सुनहरा अवसर !
‘सप्तर्षियों ने जीवनाडीपट्टिका में बताया, ‘जब श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा नीलेश सिंगबाळजी परात्पर गुरु डॉक्टरजी से साधकों की साधना के विषय में बात करती हैं, उस समय गुरुदेवजी कभी-कभी हाथ हिलाकर अथवा मुख पर निहित भाव से उन्हें उत्तर देते हैं ।’