वामपंथियों के वैचारिक आतंकवाद से लडना हमारा कर्तव्य है !
यह आतंकवाद अदृश्य एवं सहस्रों गुना अधिक विषाक्त है । जिसके कारण हम अपनी संस्कृति, अपना इतिहास तथा आनेवाले समय में स्वयं को ही खो देंगे ! अतः इसके विरुद्ध वैचारिक स्तर पर लडना, हम सभी का कर्तव्य है ।