हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु संगठित प्रयत्न आवश्यक ! – विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री, छत्तीसगढ

  • रायपुर में एक दिन का छत्तीसगढ राज्यस्तरीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन !

  • ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ स्थापित !

दीप प्रज्वलित करते समय बाएं से श्री. मदनमोहन उपाध्याय, पू. अशोक पात्रीकरजी, पंडित नीलकंठ महाराजजी, पू. रामबालकदास महात्यागी महाराजजी, पूज्य युधिष्ठिरलाल महाराजजी एवं श्री. सुनील घनवट

रायपुर (छत्तीसगढ) – ‘‘पूरे विश्व के यहूदियों ने संकल्प कर एक इजरायल का निर्माण किया, उसी तरह हिन्दू भी अपना संकल्प कभी नहीं भूलते । आज श्रीराम मंदिर साकार हुआ है । अगला संकल्प भी निश्चित ही पूरा होगा । इसके लिए हमें सतत संघर्षरत रहना होगा । इस भूमि ने छत्रपति शिवाजी महाराज का हिन्दवी स्वराज्य देखा, आनेवाले समय में रामराज्य भी निश्चित ही साकार होगा । वर्तमान में वक्फ कानून के अनुसार हिन्दुओं की भूमि पर अवैध रूप से नियंत्रण प्राप्त किया जात है । मंदिर नियंत्रण में लिए जा रहे हैं । यह काला कानून हटाने के लिए प्रत्येक गांव के हिन्दुओं को प्रयत्न करने की आवश्यकता है ।’’ ऐसा आवाहन छत्तीसगढ राज्य के भाजपा सरकार के उपमुख्यमंत्री श्री. विजय शर्मा ने यहां पर किया । वे शदाणी दरबार में आयोजित किए गए एक दिन के छत्तीसगढ राज्यस्तरीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे ।

उपमुख्यमंत्री श्री. विजय शर्मा

पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ, श्री नीलकंठ सेवा संस्थान, मिशन सनातन, हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था । इस अधिवेशन में ‘६५९’ मूवी के प्रोड्यूसर श्री. शाम चावला, भाजपा वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासनी, सी.ए. एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष श्री. अमिताभ दुबे, शिवसेना के रायपुर के श्री. आशीष परेडा तथा राज्य के १२ से अधिक जिलों से विविध हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि, कार्यकर्ता, आचार्य, महंत, वकील, प्रोफेसर आदि २५० से अधिक हिन्दुत्वनिष्ठ सहभागी हुए थे ।

हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है । – श्री. सुनील घनवट, हिन्दू जनजागृति समिति

श्री. सुनील घनवट

‘‘ईसाई मिशनरी, नक्सली, जिहादी, सेक्युलर, खालिस्तानी, इनका अभद्र गठबंधन हिन्दू धर्म नष्ट करने के लिए कार्यरत है । हमें भी हिन्दू संगठन, संत, कार्यकर्ता, वकील, इनका गठबंधन कर हिन्दू राष्ट्र-स्थापना के लिए संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है ।’’, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ संगठक श्री. सुनील घनवट ने किया ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

अधिवेशन के प्रारंभ में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी का संदेश पढकर सुनाया गया ।

प.पू. डॉ. आठवलेजी एवं संतों के नेतृत्व में चलाया गया यह अभियान अवश्य सफल होगा ! – पू. युधिष्ठिरलाल महाराजजी

पू. युधिष्ठिरलाल महाराज

शदाणी दरबार के पूज्य युधिष्ठिरलाल महाराजजी ने कहा कि ‘‘हम लोग एक महान प्राचीन सभ्यता के अनुयायी होते हुए भी एकजुट नहीं हो पाए, अपना ही राष्ट्र होते हुए भी हिन्दू धर्म की ध्वजा नहीं फहरा पाए । प.पू. डॉ. आठवलेजी एवं संतों के नेतृत्व में चला यह अभियान निश्चित ही सफल होगा और भारत हिन्दू राष्ट्र होगा । हिन्दू जनजागृति समिति, पू. शदाणी दरबार तीर्थ आदि संस्था धर्मग्रंथ, संत, दैवी शक्तियों को अधिक महत्व देते हैं । इससे जो शक्ति मिलती है, वह शास्त्रों से अधिक महत्त्वपूर्ण है ।

आध्यात्मिक बल पर ही रामराज्य समान आदर्श हिन्दू राष्ट्र साकार होगा ! – पू. अशोक पात्रीकर

पू. अशोक पात्रीकर

सनातन संस्था के धर्मप्रचारक संत पू. अशोक पात्रीकरजी ने कहा कि, आज निर्माण हुआ श्रीराम मंदिर हिन्दू राष्ट्र स्थापना की नींव है; परंतु हिन्दू राष्ट्र कोई भेट नहीं देगा । इसके लिए हमें बलिदान देना होगा । धर्माचरण और साधना कर हमें आध्यात्मिक बल निर्माण करना होगा । इसी आध्यात्मिक बल से रामराज्य जैसा आदर्श हिन्दू राष्ट्र साकार होगा ।

उपस्थित धर्मप्रेमी

१. उद्घाटन सत्र में ‘मंदिरों का व्यवस्थापन एवं मंदिर सनातन धर्मप्रचार के केंद्र कैसे बनें ?’ इस विषय पर सी.ए. मदनमोहन उपाध्याय, ‘राजसत्ता पर धर्म सत्ता की आवश्यकता’ पर पू. रामबलकदास महात्यागी महाराज, ‘हिन्दू संगठनों में संतों की भूमिका एवं संतों का कार्य’ पर पंडित नीलकंठ त्रिपाठी महाराजजी, ‘हिन्दुओं का बुद्धिभेद करनेवाले नरेटिव से कैसे लडें ?’ इस विषय पर श्री. संतोष तिवारी, ‘हिन्दू संगठनों के लिए मीडिया मैनेजमेंट की आवश्यकता’ विषय पर श्री. अमित चिमनानी आदि प्रमुख वक्ताओं ने उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को संबोधित किया ।

२. ‘हिन्दू धर्म पर हो रहे अघातों के विरुद्ध किए कृतिशील प्रयास’ विषय पर आयोजित परिसंवाद में रणरागिनी श्रीमती ज्योति शर्मा, श्रीमती शर्मा, आचार्य शशिभूषण मोहंती, धर्मसेना अध्यक्ष श्री. विष्णु पटेल, गोरक्षक श्री. अंकित द्विवेदी आदि धर्मवीरों ने अपने अनुभव कथन से धर्मांतरण, लव जिहाद, गौहत्या आदि समस्याओं पर हिन्दुत्वनिष्ठों का मार्गदर्शन किया ।

एकत्रित प्रयास करने हेतु आगे ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ का गठन कर हिन्दू राष्ट्र स्थापित होने तक संगठित प्रयास करने का सभी ने संकल्प किया । ईश्वर के चरणों में प्रार्थना कर एवं प्रतिज्ञा कर हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का समापन हुआ । (३०.१.२०२४)