साधना के विषय में साधकों का मार्गदर्शन कर उन्हें साधना के अगले स्तर पर ले जानेवाला परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का चैतन्यदायी सत्संग !
जब हमारे द्वारा की जा रही साधना से हमें आनंद मिलने लगता है, तभी हमारे साधना के प्रयास आरंभ होते हैं। साधना के आरंभ में आनंद नहीं मिलता। १०-१५ वर्ष के उपरांत आनंद की अनुभूति होनी लगती है। उसके उपरांत कोई साधना नहीं छोडता।