बिहार में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा हिन्दू राष्ट्र संपर्क अभियान !
सनातन धर्म रक्षा सम्मेलन में हिन्दू जनजागृति समिति भी सम्मिलित
सनातन धर्म रक्षा सम्मेलन में हिन्दू जनजागृति समिति भी सम्मिलित
अद्वैत यूथ क्लब व सप्तमातृका आश्रम ने नर्मदा तट पर तीन दिवसीय युवा जागरण शिविर का आयोजन किया था । शिविरार्थियों से वैदिक दिनचर्या का पालन करवाकर उन्हें सनातन धर्म-संस्कृति के महत्त्व से अवगत करवाया गया ।
कलियुग में भक्तियोग के अनुसार साधना कर शीघ्र आध्यात्मिक उन्नति करना संभव है । इसके लिए ‘गुरुकृपायोग’ भक्तियोगप्रधान है । गुरुकृपायोग के अनुसार साधना करते समय साधक को आवश्यकता के अनुसार अन्य साधनामार्ग भी सिखाए जाते हैं ।
साधना होने के लिए कष्ट करने की तैयारी होनी चाहिए । हम केवल कर्म करते हैं; परंतु वे कर्म साधना के रूप में ही होने चाहिए । साधना के रूप में न करने से हम पीछे रहते हैं ।
मानव एकमात्र प्राणी है, जो केवल स्वयं के लिए जीता है । वह प्रकृति पशु-पक्षी एवं वनस्पति से निरंतर कुछ न कुछ लेता रहता है । मानव के स्वार्थ के कारण ही वह अन्य प्राणियों की तुलना में अधिक दुखी रहता है ।
अभी तक श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी ने आध्यात्मिक क्षेत्र में बहुत बडा कार्य किया है तथा इसके आगे भी उनके द्वारा बहुत बडा अद्वितीय एवं दैवीय कार्य होनेवाला है !
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित कर सकते हैं, इस पर विचारमंथन एवं कृति की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा २ एवं ३ दिसंबर को ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया ।
हिन्दू संगठनों में एकता निर्माण करना और सनातन धर्म का द्वेष करनेवालों का अधिक प्रभावी रूप से सामना करना, इन संकल्पों के साथ यहां आयोजित ३ दिवसीय ‘वर्ल्ड हिन्दू कांग्रेस’ संपन्न हुई । इस परिषद में ६१ देशों के २ सहस्र १०० प्रतिनिधि सहभागी हुए ।
मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए श्री विघ्नहर्ता गणपति मंदिर, लेण्याद्री गणपति मंदिर, श्रीक्षेत्र भीमाशंकर मंदिर, हिन्दू जनजागृति समिति तथा महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के सहयोग से यह सम्मेलन आयोजित किया गया । इस सम्मेलन में ५५० मंदिरों के प्रतिनिधि, न्यासी तथा पुजारी सम्मिलित हुए ।
आतंकवाद का समर्थन करने के माध्यम से ये पर्यावरणवादी विश्व का वातावरण दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं । अन्य समय पर प्रदूषण का विरोध करनेवाले यही लोग वैचारिक एवं राष्ट्रविरोधी प्रदूषण का कारण बन रहे हैं, यह भी उतना ही सत्य है ।