युवको, सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के चैतन्यदायी ग्रंथकार्य की ध्वजा फहराते रखने हेतु ग्रंथनिर्मिति की सेवा में सम्मिलित हों !

जिन्हें समाज में जाकर समष्टि साधना करना संभव नहीं है, वे घर पर रहकर संकलन एवं भाषांतर की सेवाएं भी कर सकते हैं । ग्रंथों से संबंधित सेवा करना भी परिणामकारी समष्टि साधना है ।

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘धर्म एक ही है, वह है हिन्दू धर्म । हिन्दू धर्म के अतिरिक्त अन्य धर्मों का (पंथों का) इतिहास देखें, तो उनमें विविध काल में की गई लाखों हत्याएं, क्रूरता, बलात्कार, जीते हुए प्रदेशों के स्त्री-पुरुषों को गुलाम बनाकर बेचने की सहस्रों प्रविष्टियां हैं । हिन्दू धर्म अनादि काल से अस्तित्व में है; परंतु हिन्दू धर्म के इतिहास में ऐसा एक भी उदाहरण नहीं है ।’

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

‘ब्राह्मण और गैर-ब्राह्मण विवाद निर्माण करनेवालों ने हिन्दुओं में भेदभाव उत्पन्न किया । इस कारण हिन्दुओं और भारत की स्थिति दयनीय हो गई है । अतः भेदभाव करनेवाले राष्ट्रद्रोही एवं धर्मद्रोही हैं !

Karnataka Love JIhad Issue : कांग्रेस नगरसेवक एवं पीडिता के पिता को लव जिहाद का अस्तित्व स्वीकार; परंतु गृहमंत्री को अस्वीकार !

लव जिहाद का वास्तव अस्वीकार कर कर्नाटक की युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा से खिलवाड करनेवाले कर्नाटक के गृहमंत्री ! ऐसे राज्यकर्ताओं के राज्य में लव जिहाद की घटनाएं होकर युवतियों का जीवन ध्वस्त होगा, तो कोई आश्‍चर्य नहीं लगना चाहिए !

संपादकीय : ‘ममता’ का द्वेष !

राष्ट्रद्वेषी ममता बनर्जी के कारण बंगाल का बांग्लादेश की दिशा में मार्गक्रमण रोकने हेतु केंद्र सरकार एवं भारतवासी सक्रिय हों !

वक्फ बोर्ड – भारत की भूमि हडपनेवाला बोर्ड !

वक्फ बोर्ड जैसा भयानक कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश, ईरान, तुर्की जैसे किसी भी इस्लामी राष्ट्र में नहीं है; परंतु जहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं, उस भारत में लागू है । इस कानून के कारण वक्फ बोर्ड के पास, रक्षा विभाग एवं रेल विभाग के पास जितनी प्रचंड भूमि का स्वामित्व है, उसके नीचे तीसरे क्रम की भूमि का स्वामित्व है । वर्तमान समय में वक्फ बोर्ड के पास भारत की ८ लाख ६५ सहस्र ६४६ एकड भूमि का स्वामित्व है, ऐसा बताया जाता है ।

धर्मकार्य की लगन तथा हिन्दू जनजागृति समिति एवं सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के कार्य के प्रति अपार आदर रखनेवाले देहली के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन !

अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन जी अधिवेशन अथवा अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में भगवान श्रीकृष्ण तथा सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी को प्रणाम कर ही अपना भाषण आरंभ करते हैं । उनकी गुणविशेषताएं यहां दी हैं ।

Adv Ashwini Upadhyay Visit : हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए आश्रम में चल रहा कार्य प्रेरणादायी ! – अधिवक्ता उपाध्याय

सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्यायजी की रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम को सदिच्छा भेंट !

सनातन संस्था के रजत जयंती महोत्सव के अवसर पर धनबाद में विशेष कार्यक्रम का आयोजन !

झारखंड में समाज के विविध घटकों के लिए ‘तनाव नियंत्रण’ विषय पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन

‘पतंजलि आयुर्वेद’ के कथित विज्ञापनों के प्रकरण में दिखाई दिया सर्वाेच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का हिन्दूद्वेष !

‘हम आपको मार डालेंगे’, ‘हम आप पर कुछ करोड रुपए का आर्थिक दंड लगाएंगे’, इस प्रकार की भाषा सडक पर चलनेवाले झगडों में सुनने को मिलती है; परंतु ऐसी भाषा का प्रयोग यदि न्यायालय में किया जाता है, तो क्या वह उचित है ?’ कुल मिलाकर भारत में जब ‘हिन्दू राष्ट्र’ की स्थापना होगी, उस समय न्यायाधीश रामशास्त्री प्रभुणे को अपेक्षित न्यायतंत्र बनाया जाएगा !’