स्वास्थ्य के साथ खिलवाड करनेवाले धर्मांधों के विकृत दुष्कृत्य !

‘हिन्दू युवा वाहिनी’ संगठन के पदाधिकारी पुष्कर त्यागी ने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में थूक लगाकर रोटी बनानेवाले एक धर्मांध के विरुद्ध परिवाद पंजीकृत कर उसे बंदी बनाने के लिए बाध्य किया । यह घटना अक्टूबर २०२१ की है ।

श्री गणेश चतुर्थी

सभी भाई यदि एक साथ रहते हों, अर्थात सभी का एकत्रित द्रव्यकोष (खजाना) एवं चूल्हा हो, तो मिलकर एक ही मूर्ति का पूजन करना उचित है । यदि सबके द्रव्यकोष और चूल्हे किसी कारणवश भिन्न-भिन्न हों, तो उन्हें अपने-अपने घरों में स्वतंत्र रूप से गणेशव्रत रखना चाहिए ।

जागृत हिन्दू अन्य हिन्दुओं को भी हिन्दू राष्ट्र के विषय में जागृत करें ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

साधना एवं धर्मपालन करनेवाले, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के लिए क्रियाशील हिन्दुओं की आज आवश्यकता है । धर्म एवं अधर्म की लडाई में हम धर्म को जानकर आगे बढें, तो हमारी विजय निश्चित है ।

घर पर ही कीजिए आलू का रोपण

आलू को घर की वाटिका में सहजता से ली जानेवाली फसल के रूप में जाना जाता है । आलू सहजता से होनेवाली और बहुत ही अल्प व्यववाली फसल है । गमले, प्लास्टिक की थैलियों, बोरियों, सिरहाने के पुराने खोलों में भी हम आलू की फसल ले सकते हैं ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में रोपण का अनुभव प्राप्त और शारीरिक सेवा की क्षमता रखनेवालों की आवश्यकता !

सनातन के रामनाथी (गोवा) के आश्रम में विभिन्न औषधिय वनस्पतियों, फल के पेडों, सब्जियों आदि का रोपण किया गया है । उनकी देखभाल करना और नया रोपण करना आदि सेवाओं के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता है ।

सदैव कृतज्ञता भाव में रहनेवालीं और सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के प्रति अपार भाव रखनेवालीं जयपुर की पू. (श्रीमती) गीतादेवी खेमका !

पू. खेमका दादी का सब पर अत्यधिक प्रेम है तथा वह उनके आचरण से दिखाई देता है । वे साधक अथवा अपने परिजनों से ही प्रेम नहीं करतीं, अपितु वे सबसे प्रेम करती हैं ।

प्रेमभाव एवं स्थिरता से युक्त श्रीमती मालती नवनीतदास शहा हुईं संतपद पर विराजमान !

इस अवसर पर सद्गुरु स्वाती खाडयेजी ने पू. (श्रीमती) मालती शहाजी को सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी का छायाचित्र, साथ ही शॉल एवं श्रीफल प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया ।

दैवी बालक मानवजाति को सुराज्य की ओर ले जाएंगे ! – श्रीमती श्वेता क्लार्क, गोवा

महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय को श्रीलंका की अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक परिषद में ‘सर्वोत्कृष्ट’ पुरस्कार प्रदान ! शोधनिबंध के लेखक महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के संस्थापक – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी एवं सहलेखक – श्री. शॉन क्लार्क व श्रीमती श्वेता क्लार्क !

दुर्गुण एवं अहंकार का त्याग और सद्गुणों का संवर्धन, मनःशांति की कुंजी है ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी

खरपतवार को उगाने के लिए कुछ मेहनत नहीं करनी पडती; पर बगीचे के लिए हमें मेहनत और योजना दोनों की आवश्यकता होती है । इसलिए जीवन में तनाव दूर कर शांति प्राप्त करने के लिए गुणों के संवर्धन से दोष और अहंकार के खरपतवार को निकालें ।

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में स्वतंत्रता दिवस पर होनेवाला ‘राष्ट्रध्वज का सम्मान करें !’ अभियान

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रध्वज का होनेवाला अनादर रोकने हेतु सी. आर. पार्क के पुलिस स्टेशन के श्री. ऋतेश शर्मा को ज्ञापन दिया गया ।