हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आायोजित मध्यप्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के हिन्दुत्वनिष्ठों की ‘ऑनलाइन’ बैठक संपन्न !
भोपाल (मध्य प्रदेश) – आज केवल १० प्रतिशत हिन्दू ही जागृत हैं । ऐसी स्थिति में शेष ९० प्रतिशत हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र के प्रति जागृत करना उनका दायित्व है । साधना एवं धर्मपालन करनेवाले, साथ ही राष्ट्र एवं धर्म के लिए क्रियाशील हिन्दुओं की आज आवश्यकता है । धर्म एवं अधर्म की लडाई में हम धर्म को जानकर आगे बढें, तो हमारी विजय निश्चित है । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने हिन्दुत्वनिष्ठों की ‘ऑनलाइन’ बैठक में ऐसा प्रतिपादित किया ।
गोवा में जून २०२२ में ‘दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ आयोजित किया गया था । उसमें मध्यप्रदेश एवं राजस्थान राज्यों के सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के पदाधिकारियों की ‘ऑनलाइन बैठक’ आयोजित की गई थी । इस अवसर पर समिति के मध्यप्रदेश एवं राजस्थान समन्वयक श्री. आनंद जाखोटिया ने अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में सुनिश्चित समान क्रियान्वयन कार्यक्रम के विषय में उपस्थित पदाधिकारियों को जानकारी दी । इस अवसर पर ‘गायत्री शक्तिपीठ’ के श्री. प्रल्हाद शर्मा, ‘हिन्दू सेवा परिषद’ के प्रदेश सहसचिव श्री. धर्मेंद्र ठाकुर, ‘धर्मरक्षण’ संगठन के संस्थापक श्री. विनोद यादव तथा उज्जैन के श्री. शैलेंद्र सेठ ने अपने विचार व्यक्त किए ।
उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन तथा उनके प्रतिनिधि
हिन्दू धर्म सेना के संस्थापक श्री. योगेश अगरवाल, भारत रक्षा मंच के प्रांतमंत्री डॉ. एच.पी. तिवारी, अधिवक्ता कामता प्रसाद यादव, महाराणा युवा संगठन के श्री. हरीश जोशी, चंडी वाहिनी की लता ठाकुर, श्रीराम सेना के श्री. कुणाल श्रीवास्तव, अधिवक्ता ब्रह्मानंद पांडे, अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के श्री. जितेंद्र सिंह ठाकुर, श्री. शुभमकांत तिवारी, डॉ. दिनेश सिंह रघुवंशी, धरोहर बचाव समिति के श्री. कमल जैन तथा गायत्री शक्तिपीठ के श्री. रामराय शर्मा
हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा किया गया उद्बोधन१. मंडला की हिन्दू सेवा परिषद के प्रदेश सहसचिव श्री. धर्मेंद्र ठाकुर ने कहा, ‘हिन्दुत्व के लिए कार्य कर्तव्य करनेवाले प्रत्येक हिन्दू को गोवा के सनातन आश्रम अवश्य आना चाहिए; क्योंकि वहां हिन्दू राष्ट्र कैसा होगा, इसका प्रत्यक्ष अनुभव किया जा सकता है । आनेवाले वर्ष में अधिवेशन में सुनिश्चित किए गए समानसूत्री कार्यक्रम के अनुसार हम निश्चितरूप से प्रयास करेंगे ।’ २. भोपाल के धर्मरक्षण संगठन के संस्थापक श्री. विनोद यादव ने कहा, ‘हिन्दुत्व के लिए बोलना और सुनना बहुत हो चुका । अब हमें प्रत्येक हिन्दू के मन में हिन्दू राष्ट्र का विचार स्थापित करने के प्रयास करने चाहिए ।’ ३. जयपुर के गायत्री शक्तिपीठ के श्री. प्रल्हाद शर्मा ने कहा, ‘राष्ट्रीय अधिवेशन के उपरांत हम प्रत्येक स्थान पर जनमानस में हिन्दू राष्ट्र की आवश्यकता क्यों है, इस विषय को पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं ।’ ४. उज्जैन के श्री. शैलेंद्र सेठ ने कहा, ‘हिन्दुत्व का कार्य करने के लिए साधना और अहं निर्मूलन करना आवश्यक है, गोवा के अधिवेशन में हमें यह सीखने को मिला । साधना के कारण विकट परिस्थिति में भी स्वयं का मनोबल टिका रहता है, साथ ही अहं अल्प होने से हिन्दुत्व के कार्य में संगठन निर्माण होगा । |