विवियन सिल्वर का मानवाधिकार !

गांधीगिरी करनेवाली जमात के कारण विश्व का सुसंस्कृत, सहिष्णु एवं शांतिप्रिय समाज नष्ट हो जाएगा । ऐसा न हो; इसके लिए मानवाधिकारवालों को वैचारिक रूप से पराजित कर, उन्हें आईना दिखाना समय की मांग है ।

कावेरी नदी की समस्या

सद्यः स्थिती में प्रत्‍येक मनुष्य अधिकार ही बताता है परंतु दूसरे के लिए त्‍याग करने को सिद्ध नहीं । इसलिए कावेरी प्रश्न जैसे अनेक प्रश्न वर्तमान में फैल रहे हैं । यह बार-बार प्रशासनिक व्‍यवस्‍था की विफलता तथा सनातन धर्मराज्‍य की (हिन्दू राष्‍ट्र) आवश्यकता को हमारे सामने लाता है !

भारतीय दंड संहिता तथा ‘श्री ४२०’ !

राष्ट्रीयता को आधारभूत मानकर कानून एवं न्यायव्यवस्था में परिवर्तन लाना तो आवश्यक है ही; परंतु उसके साथ ही ‘जूता जापानी, पतलून इंग्लिस्तानी’ गीत में तो ठीक हैं; तथापि न्यायव्यवस्था में वेशभूषा एवं हृदय, दोनों भारतीय संस्कृति के अनुसार हों, तो न्यायव्यवस्था की स्थिति में सुधार आएगा !

भारतीय खेलों को प्रोत्‍साहन आवश्यक !

भारत को अब क्रिकेट जैसे पाश्चात्त्य खेलों को महत्त्व न देकर भारतीय खेलों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए । इसके लिए खिलाडियों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्‍ध कराने पर भारत भी आगे चलकर प्रत्‍येक स्‍पर्धा में अधिकाधिक पदक प्राप्त करते दिखाई देगा, यह निश्चित !

स्थानांतरित भारतीय !

आज विदेश में भौतिक सुख भले ही मिलता है, किंतु मन की शांति नहीं, यह स्पष्ट दिखाई दे देती है । नैतिकता का भी ह्रास हुआ है । ये दोनों बातें हिन्दू धर्म में हैं । भौतिक सुविधाएं निर्मित करने में भारत को अनेक वर्ष लग सकते हैैं; किंतु साधना के माध्यम से भारत विश्वगुरु हो सकता है ।

‘भारत’ को अंतरराष्ट्रीय मान्यता !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की व्यवस्थाओं का अंतरराष्ट्रीयीकरण करते हुए विदेशियों को भारत की विशेषताओं के दर्शन कराए तथा उनके भारतीयीकरण का, साथ ही भारत की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रशंसनीय प्रयास किया है ।

मराठवाडा का विकास चाहिए !

इस वर्ष हैदराबाद मुक्तिसंग्राम के ७५ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । तत्‍कालीन निजाम शासन के भाग मराठवाडा की ‘मुक्ति’ का अमृत महोत्‍सव मनाने के लिए राज्‍य सरकार ने छत्रपति संभाजीनगर में मंत्री परिषद की विशेष बैठक लेकर ५९ सहस्र करोड रुपए का विशेष ‘पैकेज’ देने की घोषणा की है ।

महिला आरक्षण एवं विकास !

भारत का इतिहास देखें, तो बडी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने आत्म बल पर सफलता प्राप्त की हैं । ऐसी सक्षम महिलाओं के कारण केवल महिलाएं ही नहीं, अपितु समाज का भी भला हुआ है । इसलिए, यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि ऐसी निपुण एवं बहु-प्रतिभाशाली महिला केवल राजनीति ही नहीं, अपितु किसी भी क्षेत्र में डंका बजा सकती है !

‘लोकसत्ता’ नामक(धर्म)संकट !

अलगाववादी एवं राष्ट्रद्रोही विचारधारा वाले स्टेलिन-पुत्र उदयनिधि ने कुछ दिन पूर्व सनातन धर्म पर विषवमन किया था । सनातन धर्मी उसका उचित वैचारिक प्रतिकार ले रहे हैं; किंतु उदयनिधि के प्रशंसक बनकर लोगों द्वारा ‘सनातनी (धर्म) संकट’ शीर्षक से सनातन धर्म का उपहास क्लेशदायी है ।