‘भारत’ को अंतरराष्ट्रीय मान्यता !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की व्यवस्थाओं का अंतरराष्ट्रीयीकरण करते हुए विदेशियों को भारत की विशेषताओं के दर्शन कराए तथा उनके भारतीयीकरण का, साथ ही भारत की क्षमता को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का प्रशंसनीय प्रयास किया है ।

मराठवाडा का विकास चाहिए !

इस वर्ष हैदराबाद मुक्तिसंग्राम के ७५ वर्ष पूर्ण हो रहे हैं । तत्‍कालीन निजाम शासन के भाग मराठवाडा की ‘मुक्ति’ का अमृत महोत्‍सव मनाने के लिए राज्‍य सरकार ने छत्रपति संभाजीनगर में मंत्री परिषद की विशेष बैठक लेकर ५९ सहस्र करोड रुपए का विशेष ‘पैकेज’ देने की घोषणा की है ।

महिला आरक्षण एवं विकास !

भारत का इतिहास देखें, तो बडी संख्या में ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने आत्म बल पर सफलता प्राप्त की हैं । ऐसी सक्षम महिलाओं के कारण केवल महिलाएं ही नहीं, अपितु समाज का भी भला हुआ है । इसलिए, यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि ऐसी निपुण एवं बहु-प्रतिभाशाली महिला केवल राजनीति ही नहीं, अपितु किसी भी क्षेत्र में डंका बजा सकती है !

‘लोकसत्ता’ नामक(धर्म)संकट !

अलगाववादी एवं राष्ट्रद्रोही विचारधारा वाले स्टेलिन-पुत्र उदयनिधि ने कुछ दिन पूर्व सनातन धर्म पर विषवमन किया था । सनातन धर्मी उसका उचित वैचारिक प्रतिकार ले रहे हैं; किंतु उदयनिधि के प्रशंसक बनकर लोगों द्वारा ‘सनातनी (धर्म) संकट’ शीर्षक से सनातन धर्म का उपहास क्लेशदायी है ।

इसरो की सफलता का श्रेय !

इसरो की सफलता का श्रेय हथियाने पर तुली कांग्रेस ने अपने शासनकाल में वैज्ञानिक को कारागृह में भेजकर देश की हानि की !

नामांतरण की आवश्यकता !

सरकार तथा नागरिकों को विदेशी संस्‍कृति के चिह्न मिटाने का कोई भी अवसर नहीं छोडना चाहिए ! हिन्दू महारक्षा अघाडी द्वारा सामने रखा गया यह सूत्र देशभक्त गोमंतकीय तथा भाजपा सरकार द्वारा अपनाकर भारत के इस भाग से एक और विदेशी जुए को उखाड कर संस्‍कृति को विकसित करने का प्रयास करेगी !

राष्ट्र की आध्यात्मिक उन्नति होनी चाहिए !

भारत में हिन्दुओं को सुरक्षित एवं शांति से जीवन जीने के लिए हिन्दू राष्ट्र स्थापित होना आवश्यक !

पाक की राजनीतिक उलझन !

पाकिस्‍तान में अभी भी वंश एवं कुल पर आधारित राजनीति का स्‍वरूप निश्चित होता है । ऐसे देश की जनता अन्‍न के बिना त्रस्त हो, तो भी वहां के राजनीतिक जनप्रतिनिधियों को उससे लेना-देना नहीं रहता । इमरान खान के दण्ड के उपरांत पाकिस्‍तान में एक नया अध्‍याय आरंभ होगा; किंतु वह प्रतिशोध, द्वेष तथा दुर्भावना का होगा ।