‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’ एवं काशी-मथुरा मुक्ति आंदोलन !
हिन्दुओं की आवाज दबानेवाला ‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’, इस काले कानून को रद्द करने के लिए हिन्दुओं को संगठित होकर केंद्र सरकार से मांग करनी पडेगी ।
हिन्दुओं की आवाज दबानेवाला ‘पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम १९९१’, इस काले कानून को रद्द करने के लिए हिन्दुओं को संगठित होकर केंद्र सरकार से मांग करनी पडेगी ।
संयुक्त राष्ट्रसंघ में जाकिर नाइक को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने हेतु, साथ ही उसे भारत को सौंपने हेतु भारत सरकार मलेशिया की सरकार पर दबाव बनाए, यह मांग हिन्दू जनजागृति समिति ने केंद्रीय गृहमंत्री को ज्ञापन प्रस्तुत कर की है ।
आतंकियों का आदर्श जाकिर नाइक भगोड़ा है। वह बाहर रहकर भारत और हिन्दू धर्म की निंदा कर रहे हैं।’ अत: हिन्दू सोचते हैं कि सरकार को उसे भारत लाने के लिए कदम उठाना चाहिए और उसे कड़ा से कड़ा दंड देना चाहिए !
आज देश में हिन्दू ही असुरक्षित हैं । इसलिए अभिनेता चेतन को फटकारना चाहिए और पूरे हिन्दू समाज की क्षमायाचना करने को बाध्य करना चाहिए !
किसी भी धर्मग्रंथ को जलाना, कानून की दृष्टि से अपराध है । ऐसा होते हुए भी जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति के दहन के संदर्भ में ऐसा वक्तव्य देना, संविधान का विद्रोह ही है ! पुलिस को यह क्यों नहीं दिखाई देता ?
पार्टी के लिए अनेक दशकों से सर्वस्व का त्याग किए एक आचार्य का कांग्रेस संबंधी यह वक्तव्य है । इससे कांग्रेस का हिन्दू द्वेषी रूप स्पष्टरूप से उजागर होता है !
स्थानीय हिन्दुओं का कहना है कि यह प्रतिमा एक निजी भूमि पर स्थापित की गई थी । इस भूमि के सभी कागदपत्र हमारे पास है; परंतु गांव के कुछ मुसलमान परिवारों द्वारा प्रतिमा का विरोध किया गया ।
हिन्दू समाज के लोग ११ शताब्दि की इस भोजशाला को श्री वाग्देवी का (श्री सरस्वतीदेवी का) मंदिर मानते हैं, तो मुसलमान समुदाय उसे कमल मौला मस्जिद कहता है ।
साधु का वेश पहनकर वह श्रीराम मंदिर में दर्शन के लिए आया था । पुलिस को उनके सूत्रों द्वारा तिवारी के श्रीराम मंदिर में दर्शन हेतु आने की जानकारी मिली थी ।
अल्पसंख्यक कहलवाने वाले ईसाई और मुसलमान यहां के असहाय हिन्दुओं को विविध प्रकार के लालच दिखाकर उनका धर्मांतरण कर रहे हैं ।