Supreme Court on freebies : जो काम नहीं करते, उन्हें बांटने के लिए सरकार के पास पैसे हैं; लेकिन न्यायालयीन कर्मचारियों के वेतन के लिए नहीं !
न्यायालय को ऐसी योजनाओं पर रोक लगानी चाहिए, ऐसा ही देशभक्त नागरिकों का मानना है !
न्यायालय को ऐसी योजनाओं पर रोक लगानी चाहिए, ऐसा ही देशभक्त नागरिकों का मानना है !
हिन्दू राष्ट्र की मांग अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के समर्थन में है तथा इसके लिए लोकतंत्र पद्धति से प्रयास करना संविधान के अनुसार ही है,इसका विस्मरण नहीं होना चाहिए ! तत्कालीन सरकार ने घटनाबाह्य पद्धति से राज्यसंविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द घुसेड दिया । वास्तव में माननीय भूतपूर्व न्यायमूर्ति को प्रथम इस पर बोलना चाहिए !
साथ ही न्यायालय ने बताया है कि जब तक हम इस प्रकरण की सुनवाई कर रहे हैं, तब तक देश के धार्मिक स्थलों के विषय में कोई भी नया अभियोग प्रविष्ट नहीं किया जा सकेगा ।
गैंडे की खाल वाली सरकारों को अदालतें चाहे कितनी भी फटकारें, उन पर कभी कोई असर नहीं होता! उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही होनी चाहिए । ‘ ऐसा होने पर ही लोगों को सही मायने में कानून का राज मिलेगा !
महिलाओं को यह ध्यान में रखना चाहिए कि उनके लिए बनाए गए कानून उनके कल्याण के लिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य पति को धमकाना, उन पर वर्चस्व रखना या शोषण करना नहीं है।
समान नागरिक कानून पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर यादव के बयान का मामला
धर्मांधों का खरा स्वरूप कोई उजागर करता है, तो उसपर टूट पड़ने वाली धर्मनिरपेक्षतावादियों की टोली हिन्दुओं पर होनेवाले अत्याचारों के विषय में सदैव मौन रहती है, यह जान लीजिए !
सर्वोच्च न्यायालय का प्रश्न
‘सिटीजेन्स फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एंड रिफॉर्म्स’ सामाजिक संस्था ने मुख्य न्यायाधिपति संजीव खन्ना को इस संबंध में पत्र लिखा है । इसमें अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए न्यायमूर्ति यादव के विरोध में कार्यवाही करने हेतु कार्यालयांतर्गत जांच की मांग की है