सुप्रीम कोर्ट ने ५ माकपा कार्यकर्ताओं की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

केरल में दो संघ के स्वयंसेवकों की हत्या का मामला

तिरुवनंतपुरम (केरल) – केरल के थालास्सेरी में २००२ में दो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा पांच मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं को दी गई आजीवन कारावास की सजा को केरल उच्च न्यायालय और अब सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हत्या की पूरी घटना को इस आधार पर झूठा नहीं माना जा सकता कि मामले में परस्पर विरोधी तत्व हैं ।

२ मार्च २००२ को केरल के कन्नूर में स्वयंसेवक सुजिस और सुनील की हत्या कर दी गई थी। जब वह सो रहे थे तो माकपा कार्यकर्ताओं ने उनकी कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी । इसके बाद उसके शव को गीले खेत में फेंक दिया था।

संपादकीय भूमिका 

  • अपराधियों से भरा हुआ माकपा !
  • चूंकि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिन्दुओं की हत्याओं के मामले में अदालत द्वारा दंडित किया जा रहा है, इसलिए हिन्दू संगठनों के द्वारा ये मांग जरूरी है कि इस पार्टी पर राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंध लगाया जाए !