SC On JaiShriRam Slogans In Masjid : मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है ?

सर्वोच्च न्यायालय का प्रश्न

नई देहली  :  “मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है ? “, यह सवाल सर्वोच्च न्यायालय ने उठाया है। मामला कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के कडाबा तालुका की एक मस्जिद का है, जहां कीर्तन कुमार और सचिन कुमार नामक दो हिन्दू युवकों ने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए थे। इसके बाद उनके विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया गया था। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के समय आरोप निरस्त कर दिए थे। इस निर्णय के विरुद्ध याचिकाकर्ता हैदर अली ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। इस पर सुनवाई के समय सर्वोच्च न्यायालय ने यह सवाल उठाया।

१.  न्यायालय की टिप्पणी:
न्यायालय ने मामले को समझते हुए याचिकाकर्ता के वकीलों से पूछा, “मस्जिद में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना अपराध कैसे हो सकता है?” इस पर अधिवक्ता कामत ने तर्क दिया कि यह एक धार्मिक स्थल में जबरन घुसकर धमकी देने का मामला है। वहां अपने धर्म का नारा लगाकर आरोपियों ने धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास किया। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 482 का गलत उपयोग हुआ है। उच्च न्यायालय ने जांच पूरी होने से पहले ही मामला निरस्त कर दिया।

२. अधिवक्ता की दलील:
न्यायालय ने कहा, “आरोपियों के विरुद्ध क्या साक्ष्य हैं, यह हमें देखना होगा। आरोपियों की हिरासत मांगते समय पुलिस ने सत्र न्यायालय को क्या बताया था?” इस पर अधिवक्ता ने कहा कि “सीसीटीवी फुटेज में आरोपी नारे लगाते हुए दिख रहे थे।” इसके बाद न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई अगले महीने निर्धारित की !