SC Slams Assam Government : क्या घुसपैठियों को निर्वासित करने के लिए आप शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा कर रहे हैं ?

यह प्रश्‍न केंद्र के साथ ही देश के प्रत्येक राज्य से पूछना, आवश्यक हैं ! क्योंकि पिछले अनेक दशकों से भारत में घुसपैठ हो रही है तथा उन्हें नियंत्रित कर बाहर धकेलने के प्रयास बडी मात्रा में नहीं हो रहे । यह वस्तुस्थिति कष्टदायक है !

महाकुंभपर्व में भगदड की दुर्घटना के विरोध में जनहित याचिका प्रविष्ट !

प्रयागराज में चल रहे महाकुंभपर्व में मौनी अमावस्या के दिन प्रातः भगदड मची, जिसमें ३० श्रद्धालुओं को अपने प्राण गंवाने पडे । इसके विरोध में सर्वाेच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रविष्ट की गई है ।

SC On Illegal Conversion : किसी का अवैध रूप से धर्मांतरण करना हत्या, बलात्कार अथवा डकैती जितना गंभीर अपराध नहीं है !

कानपुर के मौलवी (इस्लामी धार्मिक नेता) सैयद शाह काज़मी उर्फ ​​मोहम्मद शाद को एक नाबालिग लडके के अवैध धर्मांतरण के प्रकरण में बंदी बनाया गया । निचली और उच्च दोनों न्यायालयों ने उन्हें जमानत देने से मना कर दिया था ।

Question Against HALAL In SC : कुछ लोगों की मांग के लिए अन्यों को भी महंगे हलाल प्रमाणित उत्पाद लेने पडते हैं !

हलाल प्रमाणित उत्पादों पर उत्तर प्रदेश में प्रतिबंध हैं, उसी प्रकार संपूर्ण देश में कब प्रतिबंधित किए जाएंगे ?

Former Chief Justice Ranjan Gogoi : सामाजिक न्याय तथा राष्ट्रीय एकात्मता के लिए समान नागरिक कानून आवश्यक ! – भूतपूर्व मुख्य न्यायाधिपति रंजन गोगोई

समान नागरिक कानून को मैं एक अत्यंत प्रगतिशील कानून के रूप में देखता हूं । यह कानून विविध पारंपरिक पद्धतियों को अपनाएगा । यदि यह कानून लागू किया गया, तो सभी नागरिकों के लिए उनका धर्म चाहे कोई भी हो, एक समान व्यक्तिगत कानून होगा ।

Khalistani Nijjar Murder Case : खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की हत्या के प्रकरण में सभी चार आरोपी जमानत पर मुक्त ।

अब केवल कार्यवाहक प्रधानमंत्री बचे ट्रूडो के लिए यह एक कडा झटका है ! भारत विरोध की राजनीति करने वाले ट्रूडो के बुरे दिन अब आरंभ हो गए हैं, यह इससे स्पष्ट होता है।

मैंने सर्वोच्च न्यायालय जितना अनुशासनहीन न्यायालय कभी नहीं देखा !

सुनवाई के दौरान वकीलों के शोर मचाने से नाराज न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की टिप्पणी, इससे पता चलता है कि सिर्फ उच्च शिक्षित होना ही किसी को सुसंस्कृत और आदर्श नहीं बनाता ! इस कारण अब शिक्षा में साधना सिखाना भी महत्वपूर्ण हो गया है।

Supreme Court on freebies : जो काम नहीं करते, उन्हें बांटने के लिए सरकार के पास पैसे हैं; लेकिन न्यायालयीन कर्मचारियों के वेतन के लिए नहीं !

न्यायालय को ऐसी योजनाओं पर रोक लगानी चाहिए, ऐसा ही देशभक्त नागरिकों का मानना है !

सुप्रीम कोर्ट ने ५ माकपा कार्यकर्ताओं की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

अपराधियों से भरा हुआ माकपा !

Former SC Justice On HINDU RASHTRA : (और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दू राष्ट्र के विषय में बोलने पर प्रतिबंध नहीं, परंतु संविधान उसकी अनुमति नहीं देता !’ – भूतपूर्व न्यायमूर्ति मदन भीमराव लोकुर

हिन्दू राष्ट्र की मांग अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के समर्थन में है तथा इसके लिए लोकतंत्र पद्धति से प्रयास करना संविधान के अनुसार ही है,इसका विस्मरण नहीं होना चाहिए ! तत्कालीन सरकार ने घटनाबाह्य पद्धति से राज्यसंविधान में ‘धर्मनिरपेक्षता’ शब्द घुसेड दिया । वास्तव में माननीय भूतपूर्व न्यायमूर्ति को प्रथम इस पर बोलना चाहिए !