भारत स्वतंत्र होने के उपरांत शासकीय कार्यालयों में भ्रष्टाचार रुका नहीं । शासकीय कार्यालय, विद्यालयों आदि में योग एवं अध्यात्म की शिक्षा देने पर भ्रष्टाचार रोक सकेंगे । अध्यात्म भारत की शक्ति है । सरकार को इस ओर ध्यान देना आवश्यक है । बिना अध्यात्म के भारत निर्बल है । समाज में अध्यात्म का प्रसार करने पर राष्ट्र निर्माण का कार्य सुलभ होगा । शासकीय कार्यालयों में अध्यात्म, ध्यानधारणा एवं योग की शिक्षा दी होती, तो सुराज्य की संकल्पना साध्य हुई होती । ‘अध्यात्म’ भारत की महानता है । जब सर्व हिन्दू समाज अध्यात्म का अंगीकार करेगा, तब भारत सूर्य समान तेजस्वी होगा । ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ अपना ध्येय है । हिन्दुओं के साधना करने पर ही यह संकल्पना साध्य हो सकती है । हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करते समय आनेवाले १ सहस्र वर्ष की रूपरेखा निश्चित करनी होगी, ऐसे उद्गार ‘सत्यमेव जयते’ संगठन के अध्यक्ष डॉ. सत्यमेव जयते लोक मंगल ने व्यक्त किए । वे यहां हो रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव के पांचवें दिन (२०.६.२०२३ को) उपस्थितों को संबोधित कर रहे थे ।