अम्ल पित्त (एसिडिटी) के कष्ट से बचने के लिए जीवन शैली में परिवर्तन करना अत्यावश्यक

यहां सबसे महत्त्वपूर्ण सूत्र है, रुग्ण अपने आहार-विहार में कोई परिवर्तन नहीं करता । इस कारण अम्ल पित्त का कष्ट बार-बार होता रहता है । आरंभ में पित्त बढानेवाला आहार लेने से ही अम्ल पित्त का कष्ट होता है । कुछ समय पश्चात कुछ भी खाने से अम्ल पित्त निर्मित होने लगता |

रात्रि में सोते समय नाभि में घी की कुछ बूंदें डालने से होनेवाले लाभ

नाभि शरीर का केंद्र बिंदु होने से वहां अन्य अवयवों को जोडकर रखनेवाले बिंदुदाब के अनेक बिंदु (एक्यूप्रेशर पॉईंट्स) होते हैं । इसलिए नाभि में कुछ बूंद घी डालकर मसाज (मालिश) करने से जोडों का दर्द भी दूर हो सकता है ।

देहली विश्व का सबसे प्रदूषित नगर है ! – शिकागो विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन 

प्रदूषण के कारण देहली के नागरिकों की जीवन प्रत्याशा ११ वर्ष ९ माह घट रही है !

केले के पत्ते : पर्यावरणपूरक एवं वैज्ञानिकदृष्टि से उपयुक्त

भाग्यनगर में (हैद्राबाद) एक शास्त्रज्ञ ने खोज की, केले के पेड के तने अथवा केले के पेड मे लगे केलोंके गुच्छे के सिरे पर कमल के आकार का सिरा, पत्तों में जो चिपचिपा द्रव्य पदार्थ होता है, उसे खाने के उपरांत कर्करोग (कैंसर) बढानेवाली ग्रंथी धीरे-धीरे निष्क्रीय होती जाती है । इसलिए पुराने काल के … Read more

प्राथमिक उपचार

एकाएक रोगग्रस्त (बीमार) हुए अथवा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति पर डॉक्टर, वैद्य अथवा रुग्णयान (एंबुलेंस) उपलब्ध होने तक किए जानेवाले तात्कालिक अथवा प्राथमिक स्वरूप के उपचारों को ‘प्राथमिक उपचार’ कहते हैं । प्राथमिक उपचार में चिकित्सकीय उपचार (‘मेडिकल ट्रीटमेन्ट’) सम्मिलित नहीं है ।

ऑनलाइन खेलों के कारण एक लडके ने खोया अपना मानसिक संतुलन !

विज्ञान ने की प्रगति का लाभ लेते हुए उसकी अति करने का क्या परिणाम होता है, यह भी इस घटना से ध्यान में आता है ! इसलिए इस प्रकार की बातों का उपयोग कौन करे कौन नहीं, ऐसा नियम होना भी आवश्यक है !

दांतों में झनझनाहट पर घरेलु उपचार

‘ठंडा अथवा मीठा खाने पर दांत झुणझुणाने की पीडा यदि बारंबार होती है, तो प्रतिदिन सवेरे चाय का एक चम्मच तिल का तेल मुंह में रखें एवं सामान्यतः ५ से १० मिनट के उपरांत थूंक दें । इससे दांत झुणझुणाना अल्प होने में सहायता होती है ।’

अमेरिका में पीडित व्यक्ति को १५४ करोड रुपए हानि भरपाई देने का न्यायालय का आदेश

जॉनसन एंड जॉनसन पावडर के कारण कर्करोग होने का पता चला !

कोलेस्ट्रॉल (रक्त का एक घटक) न्यून करने की औषधियों से होनेवाले गंभीर त्वचारोग !

इन रसायनिक औषधियों के कारण न जाने कितने लोग अनेक रोगों से ग्रस्त होते हैं, स्थितियां बिगड़ती रहती हैं, नई नई औषधियां बढ़ती जाती हैं; पर किसी का ध्यान इस ओर नहीं जाता कि कहीं यह समस्या किसी औषधि के कारण तो नहीं है ।

हलाल अर्थव्यवस्था के विरुद्ध कडे संघर्ष की आवश्यकता ! – मोहन गौडा, प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति, कर्नाटक

भारत में संविधान के द्वारा सभी को स्वतंत्रता प्रदान किया गया है; परंतु तब भी हिन्दुओं पर की जा रही हलाल की अनिवार्यता के विरुद्ध, साथ ही हलाल के नाम पर चलाई जा रही समानांतर अर्थव्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाना आवश्यक है