निरंतर पंखे की हवा से होनेवाले कष्ट की संभावना
रात में सोते समय ६ से ८ घंटे पंखे की जोरदार हवा शरीर पर आती है । इससे शरीर में रुक्षता (सूखापन) निर्माण होती है । परिणामस्वरूप अनेक लोगों को खांसी शुरू हो जाती है ।
रात में सोते समय ६ से ८ घंटे पंखे की जोरदार हवा शरीर पर आती है । इससे शरीर में रुक्षता (सूखापन) निर्माण होती है । परिणामस्वरूप अनेक लोगों को खांसी शुरू हो जाती है ।
‘वर्तमान में गर्मियां आरंभ हो गई हैं । इस काल में शरीर का तापमान बढना, पसीना आना, शक्ति क्षीण होना आदि कष्ट होते हैं । तापमान बढने से व्यक्ति के बेसुध (उष्माघात होकर) मृत्यु को प्राप्त होने के भी कुछ उदाहरण हैं । गर्मियों में होनेवाले विविध विकारों से दूर रहने के लिए सभी को आगे बताई सावधानी रखना आवश्यक है ।
‘उष्णता के विकारों पर (उदा. शरीर पर घमोरियां होना, फुंसी होना, लघुशंका के समय जलन होना) दिन में ३ बार आधी चाय की चम्मच सनातन अडूसा चूर्ण एवं आधी चाय की चम्मच सनातन उशीर (खस) चूर्ण एकत्र कर आधी कटोरी पानी में मिलाकर पीएं । ऐसा लगभग १ से २ सप्ताह करें ।’
आयुर्वेद के चूर्ण, गोलियां, दंतमंजन, केश तेल इत्यादि औषधियों पर निश्चित समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट) लिखी होती है । इस दिनांक के उपरांत औषधि लेने पर, उसका कुछ दुष्परिणाम होता है क्या ?
‘कर्नाटक राज्य वैद्यकीय पूर्ति निगम’ ने यह आदेश दिया है । इन प्रतिष्ठानों के आंख तथा कान के ड्रॉप्स, पाउडर, गोलियां, सुई, इंजेक्शन, हैंड सॅनिटाइजर, विटॅमिन सी की गोलियां तथा सर्जिकल ग्लोव निकृष्ट स्तर के पाए गए हैं ।
वाहन के बाहर गोबर लगाने से अंदर गर्मी नहीं जाती । इस कारण वाहन अंदर से ठंडा रहता है, ऐसा विशेषज्ञों का भी कहना है ।
डॉ. जेसी मिल्स ने कहा कि जिन्हें देर तक खडे रहने में अडचन है, ऐसे लोगों के लिए बैठकर लघु शंका करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है ।
कैंसर एवं हृदय से संबंधित विकारों पर २०३० तक टीके बनाए जाएंगे, ऐसा दावा अमेरिका के विशेषज्ञों ने किया है।