कोलकाता (बंगाल) – कोलकाता उच्च न्यायालय ने अवैध ढंग से रहने वाली ४ रोहंगिया मुसलमान महिलाओं को वापस उनके देश म्यानमार भेजने को लेकर १० अगस्त तक रोक लगा दी है । इन महिलाओं ने न्यायालय में याचिका प्रविष्ट कर कहा है कि, म्यानमार में हमारी जान को खतरा है । इस कारण हमें वहां न भेजें । हमें शरणार्थी की भांति भारत में रहने दें । (यदि इनकी यह मांग मान्य हुई और उन्हें यहीं आश्रय दिया, तो देश के और सभी रोहंगिया और बांग्लादेशी घूसखोर ऐसे ही कारण बताकर भारत में रहने की मांग करेंगे !- संपादक)
Calcutta HC allows petition of 4 Rohingya convicts, asks Centre not to deport them to Myanmar under ‘current circumstances’ till further hearinghttps://t.co/w9z1rkPUY8
— OpIndia.com (@OpIndia_com) August 5, 2022
वर्ष २०१६ में इन महिलाओं को उनके १३ बच्चों सहित भारत में घूसखोरी करने के कारण बंदी बनाया गया था । न्यायालय ने उन्हें दोषी ठहराकर दंड दिया था । वर्ष २०१९ में उनका दंड पूर्ण होने के उपरांत उन्हें उनके देश में वापस भेजने की प्रक्रिया चालू की गई थी । (दंड के समय यह प्रक्रिया क्यों नहीं पूर्ण की गई ? दंड समाप्त होने के ३ वषों तक यह प्रक्रिया क्यों चालू रही ?, ऐसे प्रश्न जनता के मन में निर्माण होते हैं ? – संपादक) तब तक उन्हे बंगाल के सुधारगृह में रखा गया था । इस कालावधि में उन्होंने यह याचिका प्रविष्ट की ।