कर्नाटक में अनुचित व्यक्ति को बंदी बनाने के कारण उच्च न्यायालय ने दिया उसे ५ लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश

बेंगलुरू (कर्नाटक) – यहां ५६ वर्ष के निंगाराजू एन. को भूल से बंदी बनाए जाने के संदर्भ में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को उन्हें ५ लाख रुपए की क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया । वर्ष २०११ में जिस राजू एन.जी.एन. के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट किया गया था, वह यह व्यक्ति नहीं था ।

न्यायालय ने बताया कि जिसके विरोध में बंदी का प्रस्ताव निकाला गया है, वह सही व्यक्ति है कि नहीं, इसकी निश्चिती करने से पूर्व ही उसे बंदी बनाना आश्चर्यजनक है । ऐसे निरपराध व्यक्ति को पहचान के विना ही बंदी बनाया गया ।

संपादकीय भूमिका

  • यह रकम संबंधित पुलिस अधिकारियों से ही प्राप्त करनी चाहिए ! देश में इस प्रकार घटनेवाली साथ ही बंदी बनाने के पश्चात व्यक्ति यदि निरपराध मुक्त हुआ, तो उसे क्षतिपूर्ति देने का अधिनियम करना भी आवश्यक है !
  • इस घटना से यह ध्यान में आता है कि पुलिस किस प्रकार कार्य करती है ! ऐसे लोगों के कारण ही पुलिस से जनता का विश्वास उठ गया है !