वाफसा : पेडों को पानी देने की आवश्यक स्थिति !

‘सुभाष पाळेकर प्राकृतिक कषि तंत्र में ‘वाफसा’ एक और प्रमुख स्तंभ है । इस लेख में हम ‘वाफसा क्या होता है ?’, साथ ही वाफसा की स्थिति बनने में पानी का व्यवस्थापन कैसे करें ?, यह समझ लेते हैं ।

भारत में हो रही आतंकवादी कार्यवाहियां एवं उस पर एकमात्र समाधान योजना !

प्रसार माध्यमों के अनुसार, पाकिस्तानी एवं खलिस्तानी आतंकवादी प्रत्येक बार किसी न किसी निमित्त से भारत में अशांति निर्माण करने का प्रयत्न करते हैं । इससे भारतीय सुरक्षा तंत्र बब्बर खालसा, इंटरनेशनल खालिस्तानी कमांडो फोर्स, यूथ फेडरेशन जैसी अनेक आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर कडी निगरानी रखे है ।

गोल्डबर्ग का अपराध !

अमेरिकी समाज पर अभिव्यक्ति स्वतंत्रता एवं व्यक्ति स्वतंत्रता की बहुत दृढ पकड होते हुए भी गोल्डबर्ग के प्रसंग में कोई भी उनका पक्ष लेने नहीं आया । ऐसा क्यों हुआ ? ‘ज्यू का वंशविच्छेद, धार्मिक नहीं था, अपितु वांशिक था । इतना भी गोल्डबर्ग को कैसे पता नहीं ?’, ऐसा ही सुर अमेरिकी समाज के अनेक लोगों ने आलापा ।

कांग्रेस के राज्य की अपेक्षा प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान में अधिक सुरक्षित ?

पाकिस्तान शत्रुदेश है और शत्रु देश के प्रधानमंत्री ने आमंत्रण दिया था, उनपर निर्भर होकर मोदी वहां पहुंचे थे । नरेंद्र मोदी का विमान वहां सुरक्षित उतरा, उन्होंने कार्यक्रम संपन्न किए, विमान में बैठे और उनका विमान देहली की दिशा में लौटा । यह सर्व सुरक्षित संपन्न हुआ । इतना भी पंजाब में नहीं हो सका ।

मधुर वाणी की दैवी प्रतिभा प्राप्त और गायन के प्रति भाव रखनेवाली स्वरसम्राज्ञी भारतरत्न स्व. लता मंगेशकर (आयु ९२ वर्ष) !

गाना शब्द सुनते ही गानसम्राज्ञी लता मंगेशकर का रूप आंखों के सामने आता है । लतादीदी का अर्थ गाना ! संगीत के साथ उनका ऐसा समीकरण जुडा हुआ था, ऐसा कहना अनुचित नहीं होगा ।

लोकतंत्र के एक महत्त्वपूर्ण स्‍तंभ न्‍यायव्‍यवस्‍था की परिवारवाद !

हमें आपने देश के लोकतंत्र में परिवारवाद केवल राजकीय क्षेत्र तक ही मर्यादित नहीं रह गई, अपितु उच्‍च न्‍यायालय एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय में भी एक प्रकार की परिवारवाद चालू है । उच्‍च एवं सर्वोच्‍च न्‍यायालय में कार्यरत न्‍यायाधीशों को ही नए न्‍यायाधीशों को चुनने का दिया अधिकार, जिसे कॉलेजियम पद्धति’ भी कहा जाता है, वह इस परिवारवाद की अपेक्षा अलग कुछ नहीं ।

सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

राजकीय पक्ष की शक्‍ति कुछ स्‍थानों पर एक व्‍यक्‍ति में, तो कुछ स्‍थानों पर एक कुटुंब में केंद्रित होकर रहती है । राजनीति पर अपना नियंत्रण पुनर्प्रस्‍थापित करने के लिए यह राजकीय घराने अन्‍य किसी को भी अवसर नहीं देते ।

सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

घरानेशाही का समर्थन करनेवाले कुछ लोगों का कहना है कि आप इस घरानेशाही पर टीका क्‍यों करते हैं ? जिसप्रकार किसी ‘डॉक्‍टर’ को लगता है कि अपना बेटा ‘डॉक्‍टर’ ही होना चाहिए, किसी अधिवक्‍ता को लगता है कि उसका वेटा अधिवक्‍ता ही हो, किसी अभिनेता को लगता है कि उसका बेटा भी अभिनेता ही बने, उसीप्रकार यदि किसी राजकीय नेता को ऐसा लगे कि उसका बेटा भी राजकीय नेता बने, तो इसमें गलत क्‍या है ?

सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

सामान्‍य घर से आकर ‘बॉलीवुड’में अपने बलबूते ‘अच्‍छा अभिनेता’ के रूप में अपनी छवि बनानेवाले सुशांत सिंह राजपूत, इस युवा अभिनेता ने वर्ष २०२० में आत्‍महत्‍या की और संपूर्ण देशभर में ‘नेपोटिजम’ अर्थात परिवारवाद (अपने प्रियजनों को आगे बढावा देना), घरानेेशाही, वंशवाद के संदर्भ में चर्चा आरंभ हो गई ।

सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

राजनीति में बढता अपराधीकरण, यह देश के सामने भीषण समस्‍या है । वर्तमान में राजकीय पक्षों में ‘चुनकर आने की क्षमता’, यही महत्त्वपूर्ण मापदंड बन जाने से नैतिकता, जनसेवा अथवा शिक्षा की अपेक्षा अपराधियों को अधिक महत्त्व मिल गया है ।