बहन-भाई का उत्कर्ष करनेवाला रक्षाबंधन !
श्रावण पूर्णिमा अर्थात इस वर्ष ३० अगस्त को रक्षाबंधन है । रक्षाबंधन त्योहार के दिन बहन अपने भाई की आरती कर प्रेम के प्रतीक के रूप में उसे राखी बांधती है । भाई अपनी बहन को भेंटवस्तु देकर उसे आशीर्वाद देता है ।
श्रावण पूर्णिमा अर्थात इस वर्ष ३० अगस्त को रक्षाबंधन है । रक्षाबंधन त्योहार के दिन बहन अपने भाई की आरती कर प्रेम के प्रतीक के रूप में उसे राखी बांधती है । भाई अपनी बहन को भेंटवस्तु देकर उसे आशीर्वाद देता है ।
ऊंचाई पर लगे बिजली के तारों से उच्च दबाव में बिजली का प्रवाह (हाइ वोल्टेज करंट) बहता है । बिजली का यह प्रवाह अत्यंत घातक होता है । इन तारों के सपर्क में आया व्यक्ति गम्भीर रूप से जल सकता है । बिजली का प्रवाह बंद अथवा खण्डित होने का निश्चित रूप से पता चलने तक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के निकट न जाएं ।
एकाएक रोगग्रस्त (बीमार) हुए अथवा दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति पर डॉक्टर, वैद्य अथवा रुग्णयान (एंबुलेंस) उपलब्ध होने तक किए जानेवाले तात्कालिक अथवा प्राथमिक स्वरूप के उपचारों को ‘प्राथमिक उपचार’ कहते हैं । प्राथमिक उपचार में चिकित्सकीय उपचार (‘मेडिकल ट्रीटमेन्ट’) सम्मिलित नहीं है ।
लव जिहाद को रोकने के लिए हिन्दू लडकियों को हिन्दुओं का गौरवशाली इतिहास तथा महारानी पद्मावती द्वारा दिए गए बलिदान के विषय में बताना आवश्यक !
‘श्रीमद्भगवद्गीता’ ग्रंथ वेदों के साथ ही सर्व धर्मग्रंथों का सार है । भगवद्गीता का प्रसार सभी स्तर पर होता है एवं अनेक हिन्दुओं के घर में यह ग्रंथ है; परंतु ऐसा होते हुए भी कलियुग में हिन्दू एवं हिन्दू धर्म की स्थिति अत्यंत विकट हो गई है ।
आर्थिक जिहाद का सामना करना कठिन नहीं है । हमें केवल सजग एवं सतर्क रहना होगा । हिन्दुओं को पुन: दृढतापूर्वक एवं आपसी सूझ-बूझ से अपना व्यवसाय आरंभ करना होगा, तभी वे इस संकट पर विजय प्राप्त कर सकते हैं ।’
गोमंतक की पावन भूमि पर १६ से २२ जून २०२३ की अवधि में अत्यंत उत्साह में एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’, अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ संपन्न हुआ । इस महोत्सव में देश-विदेश के मान्यवरों ने विविध विषयों पर विचार-मंथन किए ।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में अशांति और जातीय संघर्ष एक निरंतर घटनेवाली घटना हो गई है । मणिपुर में एक बार फिर जातीय संघर्ष की काली छाया लौट आई है । कुछ कारणों से इस वर्ष के प्रारंभ से ही राज्य में अशांति फैल रही है।
कुछ अभिभावक, सामाजिक तथा राष्ट्र-धर्म हितैषी संगठन बच्चों में जागृति लाने का प्रयास कर उन्हें अपने शौक संजोने अथवा पुस्तकें पढने का सुझाव देते हैं; परंतु उन्हें निश्चित दिशा नहीं मिलती । इसलिए प्रस्तुत लेख में कुछ उदाहरणों के माध्यम से इस विषय को स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है ।
बच्चो, कल का आदर्श भारत बनाना, आप के हाथ में है । तो आइए, आप धर्माचरणी एवं राष्ट्रभक्त बनकर इसका आरंभ करेंगे न ?