बंगाल पंचायत चुनाव में भारी हिंसाचार ! १५ लोगों की मृत्यु !
ध्यान दें कि कोई भी राजनीतिक दल बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रहा है ! अब देश की जनता को इसकी मांग करनी चाहिए !
ध्यान दें कि कोई भी राजनीतिक दल बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग नहीं कर रहा है ! अब देश की जनता को इसकी मांग करनी चाहिए !
बंगाल में राष्ट्रपति शासन कब लागू होगा ?
पंचायत स्तर के चुनावों के लिए केंद्रीय बल को तैनात करना पडता है, यह तथ्य स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी बिगड चुकी है । इसलिए केंद्र सरकार को बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !
बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा होने के दिन से वहां हिंसा चालू हुई है । १७ जून के दिन केंद्रीय मंत्री निशित प्रमाणिक के वाहन काफिले पर आक्रमण किया गया ।
एक-दूसरे पर बम फेंककर हिंसा करनेवाली पार्टी राज्य में यदि सत्तारूढ है, तो यह लोकतंत्र के लिए कलंक ! स्वयं को लोकतंत्र के सेवक समझनेवाले अब तृणमूल कांग्रेस कर रही इस हिंसा के संदर्भ में क्यों नहीं बोलते ?
गत कुछ वर्षों में बंगाल में ऐसी ही स्थिति रहते हुए उसमें सुधार करने हेतु ठोस निर्णय न लेनेवाले जनताद्रोही ही हैं !
१ सहस्त्र से अधिक यात्री घायल !
मरने वालों की संख्या बढने की आशंका !
प्रधान मंत्री मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया !
बंगाल में लोकतंत्र नहीं, अपितु तानाशाही है, इसका और एक उदाहरण ! ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र पर प्रतिबंध लगाने पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फटकार लगाने पर भी तृणमूल कांग्रेस सरकार पर कोई परिणाम नहीं हुआ ।
तृणमूल कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के विरोध में पुरे देश के धर्मप्रेमी और राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओं को आवाज उठाना आवश्यक है । यहा हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारो को दबाने की तानाशाही है ।
ममता बनर्जी ने दंगों के लिए हिन्दुओं को ठहराया उत्तरदायी ! क्या संविधान में लिखा है कि मुसलमान बहुल क्षेत्रों में हिन्दू अपनी धार्मिक शोभायात्राएं न निकालें ? यह भारत है या बांग्लादेश ?