दंगे के लिए ममता बनर्जी सरकार उत्तरदायी ! – मानवाधिकार आयोग की तथ्यान्वेषी (सत्यशोधन) समिति का ब्योरा

यदि भाजपशासित राज्या में ऐसे दंगे होते, तो अभी तक देश के सभी ढोंगी निरपेक्षतावादी तथा पुरो(अधो)गामी राजनीतिक पार्टियां एवं संगठनों ने कोलाहल मचाया होता |

पीडित हिन्दुओं से भेंट करने गए राष्ट्रीय मानवाधिकार समिति को पुलिस ने रोका !

बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की हिन्दूद्रोही एवं कानूनद्रोही सरकार ! अब तो केंद्र सरकार को बंगाल के हिन्दुओं की रक्षा के लिए राष्ट्रपति शासन लागू करना आवश्यक है !

बंगाल से ८१ सहस्त्र  डेटोनेटर (विस्फोटक) और २७ सहस्त्र किलो अमोनियम नाइट्रेट की तस्करी करने वाले २ जिहादी बंदी !

बंगाल जिहादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है और इस प्रकार भारत की सुरक्षा धोखे  में  है । इसे ध्यान में रखते हुए वहां राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए !

हुगली (बंगाल) में पुन: हिंसा !

तृणमूल कांग्रेस के बंगाल में कानून और सुरक्षा व्यवस्था के तीन तेरा! केंद्र सरकार को अब हस्तक्षेप करना ही चाहिए और बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए !

(अब इनकी सुनिए….. ) ‘क्या भगवान श्रीराम ने शोभायात्रा में हथियार ले जाने को कहा था ?’ – मुख्य मंत्री ममता बनर्जी

कट्टर मुसलमानों को ‘रमजान के समय में हिन्दुओं पर मस्जिद से आक्रमण करने को किसने कहा था ?’, ममता बनर्जी इसका शोध क्यों नहीं करतीं ?

बंगाल में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष को थाने में पीटा गया

इससे तृणमूल कांग्रेस के राज्य में चरमराई कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था दिखाई देती है । यदि पुलिस एक महत्त्वपूर्ण संस्था के अध्यक्ष की पिटाई करती है, तो साधारण लोगों के साथ वह कैसा आचरण करती होगी, इसका विचार न करना ही अच्छा !

(इनकी सुनिए…) ‘रामनवमी की फेरी में मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र में आक्रमण किए, तो कार्रवाई करूंगी !’

बंगाल के हिन्दुओं का दुर्भाग्य है कि उनको निरंतर धर्मांधों का पक्ष लेकर हिन्दुओं की उपेक्षा करनेवाली मुख्यमंत्री मिली है । इसे रोकने के लिए हिन्दुओं को तृणमूल कांग्रेस का राजनीतिक अस्तित्व समाप्त करने के लिए प्रयास करना आवश्यक !

कांग्रेस नेता (एडवोकेट) अधिवक्ता कौस्तव बागची को बंदी बनाया !

बागची ने कहा, ‘यदि मुख्यमंत्री व्यक्तिगत स्तर पर हमारे नेताओं की आलोचना करती हैं, तो हम भी इस पुस्तक का संदर्भ लेकर व्यक्तिगत स्तर पर मुख्यमंत्री की आलोचना करेंगे ।’

‘बंगाल के सीमा क्षेत्र में सीमा सुरक्षा दल ने आतंक फैलाया है !’ – मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

सीमा की रक्षा करनेवाले एक दल पर इस प्रकार का आरोप केवल राष्ट्रघाती ही लगा सकते हैं ! ऐसे आरोप से ममता बनर्जी की मानसिकता स्पष्ट होती है ! अत: बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाना आवश्यक है !

ममता बैनर्जी का सभी विरोधी पार्टियों को केंद्रीय जांच एजेंसी के विरोध में संगठित होने के लिए निरर्थक आवाहन !

‘जांच एजेंसियों के कारण पार्टी द्वारा किया भ्रष्टाचार और राष्ट्र विरोधी कार्यवाहियां सामने आएंगी’, इस डर से बैनर्जी जांच एजेंसियों का विरोध कर रही हैं, यह ध्यान में लें !