तृणमूल कांग्रेस सरकार का हिन्दूद्वेषी और जिहादी आतंकवादप्रेमी निर्णय !
कोलकाता (बंगाल) – बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार ने लव जिहाद की भीषणता और जिहादी आतंकवाद का षड्यंत्र बतानेवाली ‘द केरल स्टोरी’ चित्रपट के प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगाया है । इस हेतु राज्य की कानून और व्यवस्था का संकट निर्माण होकर हिंसाचार होने की संभावना का कारण दिया जा रहा है ।
(कहते हैं) ‘द केरल स्टोरी’ विकृत कथा ! – मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिल्म 'द केरल स्टोरी' को बैन करने का फैसला किया है. ममता ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को आदेश दिए हैं कि बंगाल के थिएटरों से फिल्म को हटाया जाए. कहा जा रहा है कि ये फैसला बंगाल में शांति बनाए रखने के लिए लिया गया है. ताकि शहर में हिंसा और… pic.twitter.com/zfvPgyOf3X
— AajTak (@aajtak) May 8, 2023
इस चित्रपट के विषय में राज्य की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने कहा कि,
१. ‘द केरल स्टोरी’ चित्रपट में दिखाई गई कथा काल्पनिक है । उसमें कुछ भी वास्तविकता नहीं है । (यह ममता बैनर्जी ने कैसे निश्चित किया ? इस चित्रपट के निर्माता और दिग्दर्शक ने ४ वर्ष शोधकार्य कर प्रमाणों के आधार पर यह चित्रपट बनाया है । ममता बैनर्जी ‘यह चित्रपट वास्तविक नहीं’, यह किस आधार पर कह रही है, यह उन्हें प्रमाण सहित स्पष्ट करना चाहिए ! – संपादक)
२. ‘द काश्मीर फाइल्स’ क्या था ? वह एक वर्ग को अपमानित करनेवाला चित्रपट था । (द कश्मीर फाइल्स का प्रत्येक प्रसंग वास्तविक और प्रत्यक्षदर्शियो द्वारा बताई घटनाओं पर बनाया गया है । इसमे हिन्दुओं के वंशसंहार की हृदयद्रावक घटना दिखाई गई है । उन पीडित हिन्दुओं का इस प्रकार अपमान कर ममता बैनर्जी जिहादी आतंकवादियो का समर्थन कर रही है, यह हिन्दू सदैव ध्यान रखे ! – संपादक)
३. ‘द केरल स्टोरी’ क्या है ? यह एक विकृत कथा है । हमने इस चित्रपट पर बंगाल में प्रतिबंध लगाया है । यह निर्णय द्वेष और हिंसा की घटना होने से रोकने के लिए और राज्य मे शांति स्थापित करने के लिए लिया गया है । (ममता बैनर्जी को श्रीराम का नाम लेने पर भी कष्ट होता है । उन्हें हिन्दुओं के अत्याचारों के संदर्भ में कभी भी सहानुभूती नहीं होगी, यह स्पष्ट है । बंगाल के हिन्दू यह ध्यान रख ‘भविष्य में बंगाल की कश्मीर जैसी स्थिति होने पर क्या होगा ?’, इसका अभी से विचार कर संगठित हो ! – संपादक)
संपादकीय भूमिकातृणमूल कांग्रेस सरकार के इस निर्णय के विरोध में पुरे देश के धर्मप्रेमी और राष्ट्रप्रेमी हिन्दुओं को आवाज उठाना आवश्यक है । यहा हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारो को दबाने की तानाशाही है । लोकतंत्र की डिंगे मारने वाले ढोंगी नेताओं का यह लोकतांत्रिक द्रोह ही है ! |