
लंदन (ब्रिटेन) – कश्मीर घाटी के हिन्दुओं के हत्याकांड के ३५ वें वर्ष पर ब्रिटिश संसद में एक प्रस्ताव रखा गया । इसमें कश्मीरी हिन्दुओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें न्याय दिलाने की बात कही गई है । सांसद बॉब ब्लैकमैन ने संसद के ‘हाऊस ऑफ कॉमन्स’ में ‘अर्ली डे मोशन’ प्रस्तुत किया । कश्मीरी हिन्दुओं की वेदना और उनके संघर्ष को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव लाया गया था । सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि जनवरी १९९० में कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए आक्रमणों को आज ३५ वर्ष पूरे हो रहे हैं । यह सभागार तीव्र दुःख एवं निराशा के साथ इस दिन को मना रहा है । इस हिंसाचार में मारे गए परिवारों के प्रति हम अत्यंत दुखी मन से सहानुभूति व्यक्त करते हैं ।
Proposal to provide justice to Kashmiri Hindus presented in the British Parliament
The Early Day Motion was presented by MP @BobBlackman
Kashmiri Hindus have still not received justice from India. It is shameful that not a single case has been registered against the atrocities… pic.twitter.com/OZ9sNX94qW
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) January 19, 2025
इस प्रस्ताव में और क्या है ?
इस प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि इस हिंसाचार के पश्चात कश्मीरी हिन्दुओं को विस्थापित होने का कष्ट सहना पड़ा था । उन्हें आजतक न्याय नहीं मिला है । कश्मीरी हिन्दुओं को लक्ष्य कर किए गए आतंकवादी आक्रमणों के प्रायोजकों की हम कठोरतम शब्दों में निंदा करते हैं । जम्मू और कश्मीर में लगातार होनेवाले हिन्दुओं के हत्या की हम घोर निंदा करते हैं । यह प्रस्ताव अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कश्मीरी हिन्दुओं के दुःखों और उनके अधिकारों के विषय में जानकारी देने के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है ।
१९ जनवरी ‘महाविनाश दिवस’ !
विश्वभर के कश्मीरी हिन्दू १९ जनवरी को ‘महाविनाश दिवस’ के रूप में मनाते हैं । इसी दिन पाकिस्तान प्रायोजित जिहादी आतंकवादियों ने कश्मीर घाटी में हिन्दुओं पर आक्रमण किए थे । मस्जिदों पर लगे भोंपुओं से धमकियां दी गई थीं, ‘हिन्दू अपनी संपत्ति और महिलाओं को छोड़कर यहां से भाग जाएं ।’ तब साढ़े चार लाख हिन्दुओं को विवश होकर वहां से पलायन करना पड़ा था ।
संपादकीय भूमिकाभारत की ओर से अभी तक कश्मीरी हिन्दुओं को न्याय नहीं मिला है । कश्मीरी हिन्दुओं पर हुए अत्याचार के लिए बीते ३५ वर्षों में किसी के भी विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कार्यवाही नहीं की गई है । यह स्थिति लज्जाजनक है ! |