जिहादियों की क्रूरता और हिन्दुओं का आक्रोश : ‘द कश्मीर फाइल्स’

इस फिल्म में पग-पग पर ‘पूरे विश्व को कश्मीरी हिन्दुओं की व्यथा ज्ञात हो’; इसके लिए किए भागीरथी प्रयास दिखाई देते हैं । जिहादी आतंकी और उनके संरक्षकों (उदा. राज्यकर्ता, निष्क्रिय अधिकारी, बुद्धिजीवी, धर्मनिरपेक्षतावादी इत्यादि) के विरुद्ध असंतोष जागृत करने में यह फिल्म सफल रही है ।

अमेरिकी मानवाधिकार आयोग द्वारा कश्मीर में हिन्दुओं पर किए गए अत्याचारों को ‘नरसंहार’ के रूप में मान्यता प्रदान !

भारत सरकार द्वारा जो अपेक्षित था, वह संयुक्त राज्य अमेरिका के मानवाधिकार आयोग द्वारा किया गया ! यह आज तक शासन करनेवाले सर्वदलीय शासकों के लिए नितांत लज्जास्पद है, जिन्होंने अपनी आखों नर धर्मनिरपेक्षता का पर्दा लगा रखा है और हिन्दुओं के प्रति हुए जघन्न नरसंहार को शून्य मूल्य दिया !

बांग्लादेशी हिन्दुओं के वंशविच्छेद पर अभी तक चलचित्र क्यों नहीं ? – तस्लीमा नसरीन

उन्होंने कहा, कि कश्मीरी हिन्दुओं को कश्मीर में रहने का संपूर्ण अधिकार मिलना आवश्यक है ।

‘केंद्र सरकार ने अर्थसंकल्प में विस्थापित कश्मीरी लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया !’ – लोक सभा में सुप्रिया सुळे की आलोचना !

केंद्र सरकार ने कश्मीरी हिन्दू हेतु कुछ भी नहीं किया, ऐसा बोलनेवाली राष्ट्रवादी कांग्रेस की सुप्रिया सुळे इतना तो बताएं, कि इतने वर्षाें में उनकी पार्टी ने कश्मीरी हिन्दू हेतु आवाज क्यों नहीं उठाई ?’

जिहादियों की क्रूरता और हिन्दुओं का आक्रोश : ‘द कश्मीर फाइल्स’

कश्मीर में १९ जनवरी १९९० के दिन और उसके उपरांत निश्चित रूप से क्या हुआ ?, कश्मीर में हुए हिन्दुओं के वंशविच्छेद का दायित्व किसका है ?, जब दिनदहाडे कानून-व्यवस्था को साख पर बिठाया जा रहा था, तब पुलिस, प्रशासन और प्रसारमाध्यम नाकाम क्यों रहे ?

काश्मिरी हिन्दुओं के नरसंहार की घोर यातना विश्‍व को समझना अत्यंत आवश्यक है !

आज इतने लंबे समय के उपरांत प्रसिद्ध दिग्दर्शक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने द कश्मीर फाइल्स चलचित्र के माध्यम से अत्याचारियों को विश्‍व के पर्दे पर दिखाने का प्रशंसनीय प्रयत्न किया है ।ं