इस्लाम त्यागनेवाले व्यक्ति की कट्टरपंथियों की भीड़ द्वारा मारपीट

लाखों हिंदुओं ने अब तक अपना धर्म त्याग कर ईसाई अथवा अन्य धर्म स्वीकार किया ; लेकिन कभी हिंदुओं ने उन्हें पीटा हो ऐसा नहीं सुना; किंतु इस्लाम का त्याग करने पर मारपीट की जाती है, इस विषय में धर्मनिरपेक्षतावादियो  को बोलना चाहिए !

ज्ञानवापी मस्जिद से हिन्दुओं के धार्मिक चिह्न नष्ट किए जा रहे हैं !

पू. (अधिवक्ता) जैन का यह आरोप अत्यंत गम्भीर है ! ऐसा है तो सरकार को हस्तक्षेप करके सत्य उजागर करना आवश्यक है !

राजकीय इच्छाशक्ति दिखाने से ही हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो सकती है ! – कालीचरण महाराज

इस देश में लाखो मंदिर गिराए गए । सहस्रों हिन्दू महिलाओं का बलात्कार हुआ । यदि हिन्दू राष्ट्र नहीं बना, तो यह होता ही रहेगा ।

हम स्वयं हलाल प्रमाणित उत्पाद का उपयोग नहीं करेंगे एवं अन्यों में भी जागृति करेंगे – महेश्वरी समाज, रांची द्वारा संकल्प

इस्लामी अर्थव्यवस्था अर्थात ‘हलाल इकोनॉमी’ को बहुत ही चतुराई के साथ धर्मनिरपेक्ष भारत में लागू किया गया । हलाल आधारित इस्लामी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए पुराने नियम तोड-मरोडकर हलाल संकल्पना को व्यापक बनाया जा रहा है ।

विश्व के सभी मार्गाें पर नमाजपठन प्रतिबंधित करना चाहिए ! – तस्लिमा नसरीन

तस्लिमा नसरीन वास्तव में आधुनिकतावादी होने से ही वे ऐसी मांग कर सकती हैं, जबकि भारत में अधिकांश कथित आधुनिकतावादी ढोंगी हैं । वे मुसलमानों की चापलूसी करते हैं और हिन्दुओं को ठुकराते हैं !

स्विडन में कुरान जलाने की घटना के पश्चात, शरणार्थी धर्मांधों से हिंसाचार !

स्वीडन के अनेक शहरों में शरणार्थी धर्मांध तथा डेनमार्क के इस्लाम विरोधी पक्ष ‘स्ट्राम कुर्स’ के कार्यकर्ताओं में बडी मात्रा में हिंसाचार हुआ ।

मुस्लिम लडकियों को सच में ‘हिजाब’ चाहिए क्या ?

शृंगार, नारी का प्राकृतिक कर्म है । वास्तव में, उसे नकारकर काले स्कार्फ में नारी को लपेटनेवालों की प्रवृत्ति के विरोध में नारी स्वतंत्रता अभियान होना चाहिए; परंतु यह आधुनिक नारी स्वतंत्रतावालों को कौन बताएगा ?

गोरखनाथ मन्दिर पर आक्रमण करनेवाले मुर्तझा के विदेश में इस्लामी संस्थाओं से सम्बन्ध !

भारत के क्रमांक २ के अभियांत्रिकी महाविद्यालय से शिक्षित धर्मांध के इस कृत्य से ‘धर्माधों ने कितना भी उच्च शिक्षण लिया हो, तो भी उनकी जिहादी मानसिकता जाती नहीं और उन्हें धर्म ही महत्व का होता हैं’; यह सिद्ध होता हैं ।

असम की स्थिति कश्मीर जैसी नहीं होगी, इसके लिए मुसलमान हिन्दुओं को आश्वस्त करें !

क्या अभी तक असम के किसी मुख्यमंत्री ने इतनी कठोरता से मुसलमानों को सुनाया था ? असम के हिन्दुओं की रक्षा करने के लिए सरमा कठोर कदम उठाएं, यही हिन्दुओं की भावना है !

हिजाब संबंधी निर्णय के समय कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा रखे गए विविध पहलू एवं निर्णय के विषय में धर्मांध नेताओं द्वारा व्यक्त प्रतिक्रियाएं !

कश्मीर की ‘पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)’ की प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा है कि हिजाबबंदी जारी रखने का कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय अत्यंत निराशाजनक है । यह केवल धर्म का नहीं; अपितु चुनाव की स्वतंत्रता का विषय है ।