श्री रामलला विराजमान !
रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !
रामभक्त जिस क्षण की विगत ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, उस क्षण का २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनट पर केवल देश के ही नहीं, अपितु समस्त विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !
अबतक महाराष्ट्र के ६ स्थानों समेत भारत के ४२ स्थानों का समावेश युनेस्को की सूची में हो चुका है ।
ज्ञानवापी प्रकरण में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का ब्योरा निर्णायक साक्ष्य नहीं, ऐसा दावा ‘ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड’ ने किया है ।
आज से वे दिन में केवल सवा लीटर दूध का सेवन करेंगे ।
जिस क्षण की रामभक्त पिछले ५०० वर्षों से प्रतीक्षा कर रहे थे, वह क्षण २२ जनवरी को दोपहर १२ बजकर २९ मिनिट पर देश के ही नहीं, अपितु पूरे विश्व के करोडों लोगों ने अनुभव किया !
इसके लिए ‘गज नगर’ और ‘हरनंदी नगर’ इन दो नामों पर चर्चा हुई ।
३०० फुट गहराई तक जाकर कर सकते हैं दर्शन !
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विधानसभा में प्रतिपादन !
नया पाठ्यक्रम और पुस्तकें बनाने की प्रक्रिया जारी है, इसलिए इसपर अभी तुरंत कुछ बोलना अनुचित होगा, ऐसा दिया स्पष्टीकरण
असम के महान हिन्दू योद्धा लचित बरफुकन का भी जीवनचरित्र इस प्रकार के महानाट्य के रूप में विश्व के सामने लाने का विचार !