Aurangzeb Tomb : औरंगजेब जैसे क्रूरकर्मा की मजार का संरक्षण सरकार क्यों करे ? – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद

छत्रपति संभाजीनगर के खुलताबाद में स्थित औरंगजेब की मजार

मुंबई – जर्मनी में हिटलर की मजार का संरक्षण नहीं किया गया है । विश्व में क्रूरकर्मियों की मजारों का संरक्षण करने का चलन ही नहीं है । विशालगढ पर अपनी छाती को कवच बनाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की रक्षा करनेवाले वीर बाजीप्रभु का समाधिस्थल उपेक्षित है; परंतु केंद्रीय पुरातत्व विभाग औरंगजेब की मजार के संरक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च कर रहा है । धर्मवीर संभाजी महाराज पर अमानवीय अत्याचार कर उन्हें मार डालनेवाले औरंगजेब जैसे क्रूरकर्मा’ की मजार का सरकार क्यों संरक्षण करे ?, यह प्रश्न हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने एक वीडियो प्रसारित कर उठाया है । विभिन्न प्रसारमाध्यमों ने भी यह वीडियो प्रसारित किया है तथा उसके द्वारा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों में औरंगजेब की मजार को ध्वस्त करने की मांग ने जोर पकड लिया है ।

अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने इस वीडियो में वर्ष २०११ से औरंगजेब की मजार का संरक्षण करने के लिए केंद्रीय पुरातत्व विभाग की ओर से किए गए खर्चे का भी विवरण दिया है । अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर को यह जानकारी सूचना के अधिकार के अंतर्गत केंद्रीय पुरातत्व विभाग से प्राप्त हुई है ।

केंद्रीय पुरातत्त्व विभाग ने इस मजार के रखरखाव के लिए वर्ष २०११ से नवंबर २०२३ की अवधि में ६ लाख ५१ सहस्र ९०० रुपए का खर्चा किया है । ‘क्रूरकर्मा औरंगजेब की महाराष्ट्र में मृत्यु हुई । छत्रपति संभाजीनगर के खुलताबाद में उसकी मजार है । विश्व में कहीं भी क्रूरकर्मियों की मजारों का संरक्षण करने का चलन नहीं है । विशालगढ पर स्थित वीर बाजीप्रभु की समाधि तक पहुंचने के लिए ठीक से सडक भी नहीं है । राज्य सरकार हिन्दवी स्वराज के लिए प्राणों का बलिदान देनेवाले मराठाओं की समाधियों की उपेक्षा कर रही है, उसके विपरीत हिन्दवी स्वराज नष्ट करने के लिए आए खलनायक की मजार का महिमामंडन किया जा रहा है । ए.आई.एम्.आए. एम्. के अकबरूद्दीन ओवैसी ने मई २०२२ में औरंगजेब की मजार पर फूल चढाए थे । इन लोगों के लिए औरंगजेब जैसे क्रूरकर्मा की मजार का क्या स्थान है ?, यह मेरा प्रश्न है ।

राष्ट्रप्रेमी सरकार तक अपनी भावनाएं पहुंचाए !

इस संबंध में अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने यह भी कहा कि ‘छावा’ फिल्म देखकर जिन्हें ज्ञात नहीं थ, उन लोगों को भी धर्मवीर संभाजी महाराज के पराक्रम का इतिहास तथा औरंगजेब की क्रूरता का इतिहास ज्ञात हुआ । औरंगजेब ने जिस क्रूरतापूर्ण पद्धति से संभाजी महाराज की हत्या की, उसे देखकर प्रत्येक हिन्दू को पीडा हुई । ‘छावा’ जैसी फिल्म ऐसे ही नहीं बनती । ‘लोग यह फिल्म देखेंगे, ऐसा जब निर्माता को लगता है, तभी ऐसी फिल्म बनती है । औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज को अमानवीय ढंग से मारा, इसके प्रति सभी राष्ट्रप्रेमियों के मन में क्षोभ है । राष्ट्रप्रेमी नागरिक अपनी भावनाओं को सरकार तक पहुंचाएं ।