‘सनातन प्रभात’ की लेखनी !
पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की लेखनी के माध्यम से राष्ट्र-धर्म के हो रहे कार्य का जब-जब गौरव हुआ, तब यह लेखनी स्थिर हुई तथा कठिन काल में भी अपनी प्रखर ध्येयनिष्ठा के कारण अविचल रही !
पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ की लेखनी के माध्यम से राष्ट्र-धर्म के हो रहे कार्य का जब-जब गौरव हुआ, तब यह लेखनी स्थिर हुई तथा कठिन काल में भी अपनी प्रखर ध्येयनिष्ठा के कारण अविचल रही !
‘सनातन प्रभात’ के पाठक, वितरक, शुभचिंतक, विज्ञापनदाता, हिन्दुत्वनिष्ठ आदि सभी सनातन परिवार के एक अविभाज्य अंग ही हैं ! इस अंक के उपलक्ष्य में होनेवाला विचारों का आदान-प्रदान तो हमारे लिए संपूर्ण वर्ष के ज्ञान का संग्रह है ।
पेजावर मठ के विश्वप्रसन्नतीर्थ स्वामीजी का स्पष्ट वक्तव्य !
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित कर सकते हैं, इस पर विचारमंथन एवं कृति की रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा २ एवं ३ दिसंबर को ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया ।
हिन्दुओं को आज स्वबोध नहीं, तो शत्रुबोध कैसे होगा ? हिन्दू संगठनों के माध्यम से हिन्दू समाज को यह बोध हो, इसलिए यह हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन है ।
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जा सकता है, इसपर विचारमंथन तथा रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा २ तथा ३ दिसंबर को २ दिवसीय ’हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया ।
राज्य स्तरीय महाराष्ट्र मंदिर-न्यास परिषद ओझर (पुणे) में प्रारम्भ !
मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए राज्य भर से ५५० से अधिक श्रद्धालु एकत्रित !
भारत को हिन्दू राष्ट्र कैसे घोषित कर सकते हैं, इस पर विचारमंथन एवं कृति रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्य से हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा यहां आयोजित २ दिवसीय ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’का प्रारंभ १८ नवंबर को हुआ ।
हिन्दू राष्ट्र की संकल्पना साकार करने के लिए संविधान में संशोधन करना महत्त्वपूर्ण
आज के समय में सनातन धर्म का महत्त्व समस्त विश्व की समझ में आ रहा है । यूरोप-अमेरिका के अनेक लोग स्वयंस्फूर्ति से हिन्दू धर्म स्वीकार कर रहे हैं ।