अगर हिन्‍दू राष्ट्र के लिए जागृत नहीं हुए तो कल इस्‍लामी राष्‍ट्र में रहना पड़ेगा ! – डॉ. नील माधवदास, संस्‍थापक, तरुण हिन्‍दू

धनबाद में दो दिवसीय हिन्‍दू राष्ट्र अधिवेशन का उद़्‍घाटन !

बाएं से ‘तरुण हिन्‍दू’ संगठन के डॉ. नील माधव दास, दीप प्रज्‍वलित करते सनातन संस्‍था के धर्मप्रचारक पू. प्रदीप खेमकाजी । इस्‍कॉन के श्री. दामोदर प्रभु, कथावाचक लोचन महाराज मिश्रा, अंतरराष्‍ट्रीय वेदांत सोसाइटी के स्‍वामी निर्गुणानंद पुरी तथा देवघर के रामकृष्‍ण विवेकानंद सेवा आश्रम के स्‍वामी राधाकांतानंद महाराज ।

धनबाद (झारखंड), ३ दिसंबर (समाचार) – हिन्‍दू राष्ट्र के लिए गांव-गांव जाकर हिन्‍दुओं को एकत्र कर जागरूक करना होगा । अगर हम आज हिन्‍दू राष्ट्र के लिए जागृत नहीं हुए तो कल हमें इस्‍लामिक राष्ट्र में ही रहना पड़ेगा, एसा वक्‍तव्‍य ‘तरुण हिन्‍दू’ संगठन के संस्‍थापक डॉ. नील माधवदास ने किया । भारत को हिन्‍दू राष्ट्र कैसे घोषित किया जा सकता है, इसपर विचारमंथन तथा रूपरेखा तैयार करने के उद्देश्‍य से हिन्‍दू जनजागृति समिति द्वारा २ तथा ३ दिसंबर को २ दिवसीय ’हिन्‍दू राष्‍ट्र अधिवेशन’ का आयोजन किया गया । इस अधिवेशन के उद्घाटन सत्र में डॉ. दास बोल रहे थे । अधिवेशन का आरंभ शंखनाद, दीपप्रज्ज्वलन तथा वैदिक मंत्रोच्‍चार के साथ हुआ ।

इस सत्र में हिन्‍दू जनजागृति समिति के प्रेरणास्रोत  सच्‍चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयन्‍त आठवलेजी का शुभ संदेश पढा गया । इस सम्‍मेलन में बिहार, झारखंड, बंगाल, ओडिशा आदि  राज्‍यों के हिन्‍दुत्‍वनिष्‍ठ सहभागी हुए ।