शास्त्र एवं शौर्य के आधार पर बौद्धिक स्तर पर मूलभूत परिवर्तन कराने हेतु कठिन श्रम करनेवाले योद्धा श्री. संजीव नेवर !

नोएडा (उत्तरप्रदेश) के श्री. संजीव नेवर ‘अग्नि समाज’, ‘जेम्स ऑफ बॉलीवूड’, ‘सेवा न्याय उत्थान फाऊंडेशन’ इन संस्थाओं के संस्थापक हैं । ओटीटी प्लैटफॉर्म ‘प्राच्यम्’ से की गई भेंटवार्ता में श्री. संजीव नेवर यांनी ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आई.आई.एम्.) – भारतीय व्यवस्थापन संस्था’ के प्रवेश के लिए उनके साथ की गई भेंटवार्ता का एक प्रसंग बताया । भेंटवार्ताकार ने उनसे पूछा, ‘‘आपको इस प्रतिष्ठित संस्था में प्रवेश क्यों लेना है ?’’ उस पर श्री. संजीव का उत्तर था, ‘‘भगवद्गीता का प्रचार करने के लिए !’’ भेंटवार्ताकारों के ‘पैनल’ ने (समूह ने) उत्वसुकताश उनसे कुछ और प्रश्न पूछे । पैनल के सदस्य कहने लगे, ‘‘तो उस कार्य को तुरंत ही क्यों न आरंभ करें ?’’, उस पर श्री. संजीव नेवर ने उत्तर दिया, ‘‘मुझे आई.आई.एम्. में प्रतिष्ठा हेतु नहीं, अपितु यह गीता के वास्तविक सार को सबसे बुद्धिमान लोगों तक पहुंचाने में सहायता करेगा, इसके लिए मुझे प्रवेश चाहिए ।’’ इस घटना के २ वर्ष उपरांत उन्होंने ‘आई.आई.एम्. कोलकाता’ से स्नातक की उपाधि प्राप्त की ।

श्री. संजीव नेवर

विशेष स्तंभ 
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दवी स्वराज हेतु जिस प्रकार उनके सैनिकों एवं सेनापतियों का त्याग सर्वोच्च है, उस प्रकार आज भी अनेक हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रप्रेमी नागरिक हिन्दू धर्म एवं राष्ट्र की रक्षा हेतु ‘वीर योद्धा’ के रूप में कार्य कर रहे हैं । धर्मनिरपेक्षतावादी सरकारों, साथ ही प्रशासन एवं पुलिस के द्वारा होनेवाला उत्पीडन सहन करते हुए वे निस्वार्थ भावना से दिनरात संघर्ष कर रहे हैं । वर्तमान समय में राष्ट्रविरोधी शक्तियां धर्मनिरपेक्षतावादियों के समर्थन से बलवान होकर जहां हिन्दूविरोधी तथा राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र रच रही हैं, वहीं हमारे मन में ‘आगे जाकर हिन्दुओं का तथा इस राष्ट्र का क्या होगा ?’, इसकी चिंता होती है । ऐसी स्थिति में हमने यदि हिन्दुत्व के लिए तथा राष्ट्र की रक्षा हेतु लडनेवाले इन सैनिकों के संघर्ष के उदाहरण पढे, तो निश्चित ही हमारे मन की चिंता दूर होकर उत्साह उत्पन्न होगा । इसीलिए हमने ऐसे सैनिकों की तथा हिन्दू धर्म की रक्षा हेतु उनके संघर्ष की जानकारी करानेवाला ‘हिन्दुत्व के वीर योद्धा’ के नाम से स्तंभ आरंभ किया है । इस माध्यम से भारत में सुराज्य की स्थापना करने हेतु प्रयास करनेवालों की सबको जानकारी मिलेगी तथा उस परिप्रेक्ष्य में कार्य करने की प्रेरणा भी मिलेगी ! – संपादक

१. ‘डेटा साइंस’की अपेक्षा धर्म का चयन करनेवाले विद्वान

बौद्धिक संभ्रम में डालनेवाले तथा अस्वस्थ करनेवाले इस वर्तमान काल में श्री. संजीव नेवर तीक्ष्ण बुद्धि तथा अटूट इच्छाशक्ति लेकर कार्य कर रहे हैं । श्री. संजीव नेवर ‘आई.आई.टी.’ (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलॉजी – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्था) एवं ‘आई.आई.एम्. इन दोनों प्रतिष्ठित संस्थाओं के पूर्व छात्र रहे हैं । समस्त भौतिक विश्व उनके पैरों पर खडा था । ‘डेटा साईंस’ का एक आशादायक जीवन, ‘कॉर्पोरेट’ (व्यावसायिक) विश्व के लाभकारी प्रस्ताव तथा उच्च उपाधियां प्राप्त कर मिलनेवाली प्रतिष्ठा, यह सबकुछ उनके पास था । (‘डेटा साइंस’ अर्थात सूचना का संकलन, विश्लेषण एवं अंतर्निहित पद्धतियों की खोज करने हेतु विभिन्न तंत्रों एवं पद्धतियों का उपयोग करना) तब भी उन्होंने पूर्णतया भिन्न मार्ग चुना । ‘वेदों का पुनरुज्जीवन करना, वैदिक संस्कृति का प्रसार करना तथा धर्मविरोधी शक्तियों का रहस्योद्घाटन करना’, इस कार्य को उन्होंने चुना ।


बॉलीवूड का राष्ट्रविरोधी तथा हिन्दूविरोधी चेहरा उजागर किया !

श्री. संजीव नेवर ‘जेम्स ऑफ बॉलीवूड’ नाम के सांस्कृतिक आंदोलन के संस्थापक भी हैं । इस आंदोलन ने भारत के सबसे बडे फिल्म निर्माण के क्षेत्र में गहराई तक फैले ‘हिन्दूफोबिया’ (हिन्दूद्वेष), ‘स्त्रीद्वेष’ तथा राष्ट्रविरोधी कथाओं का रहस्योद्घाटन किया है ।

सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित होनेवाली इस शृंखला के रूप में वह आरंभ हुई तो, वह बहुत शीघ्र लोकजागरण का माध्यम बन गई । उसके कारण हिन्दी फिल्मजगत के बॉलिवूड के उच्चस्तरीय लोगों को सार्वजनिक प्रतिक्रया का सामना करना पडा । ‘जेम्स ऑफ बॉलीवूड’ ने बॉलीवूड में छिपे वैचारिक दुष्कृत्यों को उजागर कर ‘ग्लैमर’ का (मोहिनी रूप का) भ्रम तोड दिया तथा विरोधियों के कार्य पर प्रश्नचिन्ह लगा पाए, ऐसी एक पीढी को जागृत किया ।

२. धर्म की आवाज बन चुके श्री. संजीव नेवर !

धोखाधडी करनेवाले धर्मांतरण के विरुद्ध श्री. संजीव नेवर ने अनवरत अभियान चलाए । इन अभियानों के कारण उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली । विशेषरूप से आतंकियों की आर्थिक सहायता करनेवाले तथा विद्वेषी भाषण देनेवाले हिन्दूद्वेषी डॉ. जाकिर नाईक के विरोध में श्री. नेवर ने आवाज उठाई । श्री. नेवर ने अग्नि समाज के विषय में फैली अवधारणाएं नष्ट की तथा सभी के सामने अत्यंत स्पष्टता से वैदिक धर्म प्रस्तुत किया । ‘अग्नि समाज’ इस उपक्रम के अंतर्गत स्थापित इस आंदोलन ने अभूतपूर्व साहित्य तथा प्रसारित होनेवाले डिजिटल अभियानों के लिए किया गया लेखन तथा सहस्रों युवा मन को बौद्धिक स्तर पर आध्यात्मिक जागृति हेतु मार्गदर्शन द्वारा एक दृढ आकार ले लिया है । इसके अंतर्गत एक समय में जाकिर नाईक जैसे व्यक्ति के धर्मांतरण के प्रचार में फंसे अनेक लोगों का उद्बाेधन भी किया गया ।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ‘सांस्कृतिक योद्धा’ पुरस्कार को स्वीकार करते हुए श्री. संजीव नेवर (दाहिनी ओर)

३. प्रत्यक्ष कार्य करने पर बल

श्री. संजीव नेवर केवल सिद्धांतवादी नहीं हैं, अपितु कार्य के स्तर पर ही प्रत्यक्ष परिवर्तन होता है, यह उनका विश्वास है । इस विश्वास के कारण उन्होंने ‘सेवा न्याय उत्थान फाऊंडेशन’ की स्थापना की । इस फाऊंडेशन ने सैकडों पाकिस्तानी हिन्दू शरणार्थी परिवारों का पुनर्वास करने में सहायता की है । उनकी देखरेख में फाऊंडेशन ने शरणार्थी बच्चों को ‘मार्शल आर्ट्स’ का प्रशिक्षण दिया है । इन छात्रों को जयपुर (राजस्थान) में संपन्न राष्ट्रीय स्तर की कराटे प्रतियोगिता में स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त हुए तथा उससे इतिहास रचा गया ।

४. अत्यंत उपेक्षित क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी की सहायता से क्रांति

श्री. नेवर के मार्गदर्शन में फाऊंडेशन ने ‘स्टेम’ शिक्षा में भी (STEM education – encompasses teaching and learning in Science, Technology, Engineering and Mathematics – विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी एवं गणिती शिक्षा) उल्लेखनीय स्तर प्राप्त किए हैं । उन्होंने पाकिस्तानी शरणार्थी हिन्दू बच्चों के ‘रोबोटिक्स’ के प्रशिक्षण का नेतृत्व किया । इस सफलता से प्रेरित होकर उन्होंने उत्तरप्रदेश के सबसे पिछडे जिलों में से एक संभल के सरकारी विद्यालयों में दिव्यांग एवं वंचित बच्चों के लिए इसी प्रकार का प्रशिक्षण आरंभ किया । मार्च २०२५ में श्री. संजीव नेवर के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित ५ वीं से ८ वीं कक्षा के छात्रों ने ‘आई.आई.टी. देहली’ के ३५ अभियांत्रिकी संघों में चौथा स्थान प्राप्त किया । यह एक ऐसा पराक्रम सिद्ध हुआ कि उसके कारण सबसे अनुभवी प्रौद्योगिकी मार्गदर्शक भी चौंक गए ।

पाकिस्तानी शरणार्थी हिन्दू लड़कियों के साथ (१) श्री. संजीव नेवर

५. वेदों का पुनरुज्जीवन करनेवाला आंदोलन

श्री. संजीव नेवर की दृष्टि समाजसेवा से परे है । वे कहते हैं, ‘‘वैदिक विद्वानों को शिक्षा, नैतिकता, नेतृत्व एवं नवनिर्मिति का मार्गदर्शन करना चाहिए ।’’ ‘अग्नि समाज के अंतर्गत उनका प्रमुख उपक्रम वेद एवं संस्कृत ‘मास्टर क्लास’ (अत्यंत बुद्धिमान छात्रों के लिए लिया जानेवाला वर्ग) इस विश्वास को प्रतिबिंबित करता है । श्री. नेवर इन सिद्धांतों का उपयोग कर प्राचीन धर्मग्रंथ सिखाते हैं, साधकों को तर्कशास्त्र, भाषा एवं जीवंत अनुभवों के द्वारा धर्म को समझने में सहायता करते हैं । सहस्रों लोगों ने पहले ही ये सत्र लिए हैं तथा उन्हें उनकी यात्रा का एक निर्णायक चरण कहा गया है । एक छात्र ने श्री. संजीव नेवर के कार्य के विषय में सामाजिक माध्यमों में लिखा, ‘संजीव जी के ये वर्ग इतने समृद्ध हैं कि उन्हें और २ घंटे बोलना चाहिए, ऐसी मेरी इच्छा है !’ उनसे सीखने योग्य बहुत कुछ है ।’


वेदों में विद्यमान सर्वोच्च ज्ञान तथा मार्गदर्शक सिद्धांतों के कारण प्रेरणा मिली !


श्री. संजीव नेवर को ‘इतना महान कार्य करने की प्रेरणा कैसे मिली ?’, इस विषय में वे कहते हैं, ‘वह एक सत्य की गहन खोज है । विद्यालय में बुद्धिमान छात्र होते हुए भी मेरा अधिकतर समय भिन्न-भिन्न परंपराओं के धार्मिक ग्रंथ पढने में बीता । विशेषकर मैंने व्यापक मानसिकता से विभिन्न धर्माें की खोज की; क्योंकि मुझे उन सभी को समझने की उत्सुकता थी । वह यात्रा अंततः मुझे वेदों की ओर ले गई, जिसमें मुझे सर्वोच्च ज्ञान एवं मार्गदर्शक सिद्धांत दिखाई दिए । ‘मोक्ष’ मेरा अंतिम ध्येय है, इस श्रद्धा से मैं जो कुछ करता हूं, वह मेरे व्यक्तिगत चयनों से लेकर पूरे विश्व के मेरे ध्येय तक  है ।

६. शास्त्र, रणनीति एवं शौर्य की शक्ति हैं संजीव नेवर !

चाहे पाणिनी के व्याकरण का विश्लेषण करना हो, दलित समुदाय के बच्चों का मार्गदर्शन करना हो अथवा राष्ट्रीय दूरचित्रवाणी पर चलाए जानेवाले झूठे ‘नैरेटिव’ का (कहानी का) रहस्योद्घाटन करना हो; संजीव नेवर शास्त्र, रणनीति तथा शौर्य से परिपूर्ण एक शक्ति हैं । वे केवल धर्म के लिए नहीं बोलते, अपितु वे बच्चों तथा युवाओं का भविष्य बनाते हैं ।

संकलनकर्ता : अग्नि समाज परिवार