अक्षय तृतीया के पर्व पर ‘सत्पात्र को दान’ कर ‘अक्षय दान’ का फल प्राप्त करें !

२२.४.२०२३ को ‘अक्षय तृतीया’ है । ‘अक्षय तृतीया’ हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से एक मुहूर्त है । इस दिन की कोई भी घटिका शुभमुहूर्त ही होती है । इस दिन किया जानेवाला दान और हवन का क्षय नहीं होता; जिसका अर्थ उनका फल मिलता ही है । इसलिए कई लोग इस दिन बडी मात्रा में दानधर्म करते हैं ।

सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित आठ दिवसीय रामनाम संकीर्तन अभियान संपन्न !

हिन्दुओं को प्रभु श्रीराम के नाम की शक्ति मिले, उनका आशीर्वाद मिले, इस उद्देश्य से रामनाम संकीर्तन आयोजित किया गया ।

हिन्दू संस्कृति में आचारों का अत्यधिक महत्त्व है !

प्राचीनकाल से ही हिन्दू धर्म में ऋषि-मुनियों की सहायता से जीवन की प्रत्येक क्रिया को उचित दिशा में मोडकर एक प्रकार से उसे सत्त्वगुणी रूप दिया गया है । इसी को ‘आचरण’ कहते हैं ।

वाराणसी में श्रीराम नवमी के अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा ‘हिन्‍दू एकता शोभायात्रा’ संपन्न !

हिन्‍दू राष्‍ट्र के लक्ष्य को साकार करने के लिए संगठित होने का लिया संकल्‍प !

हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा उत्तर भारत में ‘हिन्दू नववर्ष’ के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम संपन्न एवं सनातन संस्था द्वारा ग्रंथ-प्रदर्शनी का आयोजन !

इस कार्यक्रम में ‘हिन्दू नववर्ष’ चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को क्यों मनाया जाता है ? इस दिन ब्रह्मध्वजारोहण क्यों किया जाता हैे ? ब्रह्मध्वजारोहण की उचित पद्धति’, साथ ही अन्य अध्यात्मशास्त्रीय जानकारी दी गई ।

स्त्री और पुरुषों का केश धोना

पुरुषों को प्रतिदिन, तथा स्त्रियों को सप्ताह में न्यूनतम दो बार केश धोने चाहिए । केश की गुणवत्ता और आरोग्य केवल केश धोने पर ही अवलंबित नहीं होता, अपितु इसे किस पदार्थ से धोते हैं, इसपर भी अवलंबित होता है ।

लक्ष्मणपुरी एवं कानपुर के विभिन्न स्थानों पर समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे का मार्गदर्शन

‘हलाल प्रमाणपत्र’ के माध्यम से भारत में समानांतर अर्थव्यवस्था खडी की जा रही है । इस संकट को रोकने के लिए भारत को ‘हलालमुक्त’ बनाना आवश्यक है । इसे ध्यान में लेकर हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से उत्तर प्रदेश में ‘हलालमुक्त भारत अभियान’ चलाया गया ।

छात्र-साधकों, गर्मियों की छुट्टियों में चैतन्यदायक आश्रम जीवन का अनुभव करें तथा अंतर्मन में साधना का बीज बोकर हिन्दू राष्ट्र के लिए पात्र बनें !

जिलासेवक छात्र-साधकों का चयन करते समय वे आश्रमजीवन का, साथ ही सेवा से संबंधित प्रशिक्षण का लाभ उठाकर आगे जाकर सेवा के लिए समय दे सकें, ऐसे छात्र-साधकों का ही नियोजन करें ।

पूजाविधि में समाहित घटकों पर भूमिपूजन अनुष्ठान का सकारात्मक परिणाम होना !

भूमि खरीदने के उपरांत ‘भूमि की शुद्धि होकर स्थानदेवता का आशीर्वाद मिले’, इस उद्देश्य से सर्वप्रथम भूमि का विधिवत पूजन किया जाता है ।

साधना द्वारा व्यसनाधीनता (मादक पदार्थाें की लत) पर अल्प कालावधि में मात कर सकते हैं ! – शॉन क्लार्क, फोंडा, गोवा

आध्यात्मिक शोध से दिखाई दिया है किसी व्यसन का ३० प्रतिशत कारण शारीरिक होता है, अर्थात मादक पदार्थाें पर निर्भर होता है, तथा ३० प्रतिशत मानसिक तथा ४० प्रतिशत आध्यात्मिक होता है ।