वैश्विक विद्रोह की आवश्यकता !
खालिस्तान के रूप में भारत का एक और विभाजन टालने के लिए हिन्दू एवं राष्ट्रनिष्ठ सिखों का वैश्विक विद्रोह आवश्यक !
खालिस्तान के रूप में भारत का एक और विभाजन टालने के लिए हिन्दू एवं राष्ट्रनिष्ठ सिखों का वैश्विक विद्रोह आवश्यक !
धार्मिक अल्पसंख्यकों में से एक विशिष्ट धर्म के अल्पसंख्यकों की ओर विशेष ध्यान दिया जाता है, यह सर्वविदित है ।
हमारे दैनिक जीवन में मुहूर्ताें का संबंध समय-समय पर आता है । ‘मुहूर्त’ संबंधी प्राथमिक जानकारी इस लेख के माध्यम से समझ लेते हैं ।
जो महिलाएं काम पर हैं तथा वे उक्त शर्तें पूर्ण करती हों, वे इस जानकारी का लाभ उठाकर इस कानून का लाभ उठाएं ।
सप्ताह में न्यूनतम एक अथवा दो बार, छुट्टी के दिन, जब भी अवसर मिले, तब यथासंभव उतने समय तक सूर्यप्रकाश में बैठकर प्राकृतिक रूप से वह ‘विटामिन डी’ लें । इससे हड्डियां एवं स्नायुओं को बल एवं ऊर्जा मिलती है ।
घरेलु पौधों के लिए ५ लीटर उर्वरक बनाना हो, तो आधी कटोरी गुड एवं आधी कटोरी बेसन लगता है । उसके पर्याय लेख में दिए गए हैं ।
सायंकाल के समय झाडू न लगाएं; क्योंकि इस काल में वायुमंडल में रज-तमात्मक स्पंदनों का संचार बडी मात्रा में होता है ।
अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी श्री जितेंद्रानंद महाराज द्वारा सोमवार को इंदौर में हुई बैठक में भोपाल के महंत अनिलानंद उदासीनजी को मप्र संत समिति का कार्यवाहक अध्यक्ष मनोनीत किया गया ।
देवता को भोग लगाने के उपरान्त उस अन्न को देवता का प्रसाद मानकर ग्रहण करने से उस अन्न से देवता के तत्त्व एवं चैतन्य का लाभ होता है ।
हिन्दू धर्म के साढे तीन शुभमुहूर्ताें में से वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया एक है । इसीलिए इसे ‘अक्षय तृतीया’ कहते हैं । इस तिथि पर कोई भी समय शुभमुहूर्त ही होता है । इस वर्ष २२ अप्रैल २०२३ को अक्षय तृतीया है ।