‘बीबीसी’ ने महिला आतंकवाद के प्रति में सहानुभूति दर्शानेवाली डॉक्युमेंटरी का प्रसारण किया !

  • विवादास्पद ‘बीबीसी’ को अब आतंकवादी शमीमा बेगम का लगाव !

  • ब्रिटेन के नागरिकों का विरोध ‘बीबीसी’ का बहिष्कार करने की सिद्धता !

शमीमा बेगम

लंदन (ब्रिटेन) – विवादास्पद ‘बीबीसी’ द्वारा गुजरात दंगों पर आधारित ‘इंडिया – द मोदी क्वेश्चन’, भारतद्वेषी डॉक्युमेंटरी प्रसारित होने के उपरांत अब इसी बीबीसी को इस्लामिक स्टेट जिहादी आतंकवादी संगठन में भरती होने हेतु ब्रिटेन से पलायन कर सीरिया गई शमीमा बेगम का लगाव (जोश) सामने आया है । बीबीसी ने उसके जीवन पर आधारित ‘द शमीमा बेगम स्टोरी’ प्रसारित की है ।

शमीमा वर्ष २०१५ में अर्थात १५ वर्ष की आयु में अपनी २ सहेलियों के साथ ब्रिटेन से पलायन कर सीरिया के इस्लामिक स्टेट आतंकवादी संगठन में सम्मिलित हुई थी । सीरिया रहते समय उसे ‘जिहादी ब्राईड’ ( जिहादी वधू ) के नाम से जाना जाता था । इस डॉक्यूमेंटरी ) में उसका संघर्ष दिखाने का प्रयास किया गया है । ९० मिनट के इस डॉक्यूमेंटरी में सीरिया तक की उसकी यात्रा कैसी रही ? उससे बाहर निकलने का उसका संघर्ष कैसा था ? आदि की जानकारी देकर यह भी दिखाने का प्रयास किया गया है कि शमीमा को सीरिया जाने के निर्णय का दुःख प्रतीत हो रहा है तथा उसे इसका पश्चात्ताप है ।

इस्लामिक स्टेट संगठनों में सक्रिय होने पर ब्रिटेन ने शमीमा की नागरिकता रद्द कर दी गई थी । शमीमा का परिवार मूलत: बांग्लादेशी है तथा वे ब्रिटन के नागरिक हैं ।

ब्रिटेन के नागरिकों की ओर से बीबीसी का बहिष्कार करने की सिद्धता !

ब्रिटेन ने इस डॉक्युमेंटरी का कडा विरोध किया है । ‘बीबीसी का यह डॉक्युमेंटरी शमीमा के प्रति सहानुभूति उत्पन्न करने का प्रयास है’, ब्रिटेन के नागरिकों ने ऐसा आरोप लगाया है । ‘बीबीसी’ प्रतिष्ठान मूलत: ब्रिटेन का है । इसलिए अब अपने ही देश में बीबीसी का बडा विरोध हो रहा है ।

ब्रिटेन के अनेक नागरिकों ने बीबीसी का बहिष्कार करने हेतु हाथ खडे किए हैं । वहां के नागरिकों ने प्रश्न उपस्थित किया है कि यदि शमीमा बेगम को अपने कृत्य के लिए थोडा भी पश्चात्ताप होता दिखाई नहीं दे रहा, तो बीबीसी’ की ओर से उसके प्रति सहानुभूति क्यों दिखाई जा रही है ?’

(और इनकी सुनिए…) ‘मुझे आतंकवादी संगठन में सम्मिलित होने का पश्चात्ताप !’ – शमीमा

इस विषय में बीबीसी से बात करते हुए शमीमा बेगम ने कहा, ‘आतंकवादी संगठन में सम्मिलित होने का मुझे पश्चात्ताप हो रहा है । (इस पर कौन विश्वास करेगा ? – संपादक, दैनिक सनातन भारत ) मैं आतंकवाद के विरुद्ध ब्रिटेन को सहायता करना चाहती हूं । मेरा उदाहरण समाज के लिए उपयोगी सिद्ध हो सकता है ।’

संपादकीय भूमिका

  • ऐसे बीबीसी को अब पूरे विश्व में प्रतिबंधित करने हेतु भारत को पहल करना आवश्यक है !
  • भारत के नागरिकों से भी अपेक्षा की जाती है कि वे ब्रिटेन के नागरिकों की तरह निरंतर भारत तथा हिन्दुओं का अपमान करनेवाले बीबीसी का बहिष्कार करें !