सनातन के आश्रमों की छायाचित्रात्मक विशेषताएं !
सनातन के आश्रमों में विविध जाति-पंथों के साधक आनंद से आश्रमजीवन व्यतीत कर रहे हैं । यहां आध्यात्मिक प्रगति हेतु पोषक वातावरण होता है ।
सनातन के आश्रमों में विविध जाति-पंथों के साधक आनंद से आश्रमजीवन व्यतीत कर रहे हैं । यहां आध्यात्मिक प्रगति हेतु पोषक वातावरण होता है ।
सनातन के ग्रंथों में दिए ज्ञानामृत का कार्यान्वयन कर १.२.२०२४ तक १२२ साधकों ने ‘संतपद’ प्राप्त किया है तथा १,०५४ साधक ‘संतपद’ प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर हैं । सनातन के अनेक संत एवं उन्नत साधक धर्मप्रचारक के रूप में सेवारत हैं ।
भोपाल के निर्माणकार्य व्यवसायी श्री. रघुनंदन सिंह राजपूत ने कुछ दिन पूर्व रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम में सद्भावना भेंट की । इस अवसर पर उनके साथ उनके परिजन तथा मित्र उपस्थित थे ।
सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी तथा मेरा परिचय बहुत पुराना है । बहुत पहले वे एक बार मेरे साथ बद्री-केदारनाथ यात्रा में भी आए थे । उस समय मेरा यात्रा करानेवाला प्रतिष्ठान था तथा इस माध्यम से हमारा एक सुंदर संयोग घटित हुआ था ।
इस वर्ष २४ मार्च को होली है । होली के दिन अग्निदेवता का तत्त्व २ प्रतिशत कार्यरत रहता है । इस दिन अग्निदेवता की पूजा करने से व्यक्ति को तेजतत्त्व का लाभ होता है ।
इस पृथ्वी पर भटके हुए जीवों में से हम भी एक थे । हम इस माया के जगत में आनंद ढूंढ रहे थे । प्रत्येक व्यक्ति आनंद की खोज में रहता है; परंतु ‘मूल आनंद किसमें है ?’, इसका भान गुरुदेव सच्चिदानंद परब्रह्म डॉक्टरजी, आपने हमें सनातन संस्था के माध्यम से करवाया ।
‘संसार के अन्य सभी विषयों का ज्ञान अहंकार बढाता है, जबकि अध्यात्म एकमात्र ऐसा विषय है, जो अहंकार अल्प करने में सहायता करता है ।’
बिहार में जनता दल (संयुक्त) तथा बीजेपी सरकार के होते हुए हिन्दुओं पर आक्रमण करने का धर्मांधों को साहस नहीं होना चाहिए, ऐसा हिन्दुओं को लगता है !
अबू धाबी के मरुस्थल (रेगिस्तान) में निर्मित एवं पश्चिम एशिया के सबसे बडे ‘बी.ए.पी.एस. हिन्दू मंदिर’ का उद्घाटन १४ फरवरी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी की उपस्थिति में संपन्न हुआ ।
डेहराडून (उत्तराखंड) में ‘वेदशास्त्र रिसर्च एंड फाउंडेशन’ की ओर से हिन्दुत्व का कार्य करनेवालों को ‘हिन्दुत्व आधारस्तंभ’ तथा ‘देवभूमि रत्न’ पुरस्कार प्रदान !